इस दिवाली खरीदने वाले हैं सेकेंड हैंड कार, इन बातों का रखेंगे ध्यान तो ठगी से बचेंगे
त्योहारों के सीजन में भारतीय ग्राहक सबसे ज्यादा वाहन खरीदते हैं, चाहे वो नया हो या पुराना. दिवाली लगभग आ चुकी है आपको सेकेंड हैंड कार की खरीद से पहले जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए, वो यहां हम आपको बता रहे हैं.
आपको अपना बजट निर्धारित करना होगा कि आपको सेकेंड हैंड कार पर कितनी रकम खर्च करनी है
- सेकेंड हैंड कार खरीदने वाले हैं तो पढ़ें
- कुछ टिप्स फॉलो कर खरीदें यूज्ड कार
- मिलेगी जोरदार डील, ठगी से भी बचेंगे
Guide To Buy Used Car: भारत में नई कारों का बाजार पिछले कुछ सालों में काफी फला-फूला है और दुगनी रफ्तार से आगे बढ़ा है इस्तेमाल की हुई यानी यूज़्ड कारों का बाजार. महामारी के चलते यूज्ड कार सेगमेंट में और तेजी देखने को मिली है, क्योंकि लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह निजी वाहन को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है. सेकेंड हैंड कारों का बोलबाला बाजार में इसीलिए भी है, क्योंकि ये सस्ती होती हैं, इनकी डेप्रिसिएशन वेल्यू भी कम होती है और बीमे का प्रिमियम भी कम आता है. फायदों के साथ सेकेंड हैंड कारों के कुछ नुकसान भी हैं जो कार की हिस्ट्री से संबंधित होते हैं. तो अगर इस नुकसान से बचना चाहते हैं और सबसे अच्छी डील पाना चाहते हैं, इस खबर में हम वो सारी बातें बता रहे हैं जो आपको सेकेंड हैंड कार खरीदते समय ध्यान में रखनी होंगी.
बजट
सबसे पहले आपको अपना बजट निर्धारित करना होगा कि आपको सेकेंड हैंड कार पर कितनी रकम खर्च करनी है. इसके अलावा सेकेंड हैंड कार बाजार में आप कार के वेरिएंट का चुनाव नहीं कर सकते, ऐसे में आपको उपलब्ध वेरिएंट के साथ ही आगे बढ़ना होगा. तो यहां अपने बजट में कुछ गुंजाइश रखनी होगी कि उपलब्ध सेकेंड हैंड कार को खरीदने के लिए आप बजट से ज़्यादा कितनी राशि खर्च कर सकते हैं.
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विकल्पों का आंकलन
जब आप अपना बजट तय कर लेते हैं तो यह देखें कि इस बजट में कौन-कौन सी कारें सेकेंड हैंड बाजार में उपलब्ध हैं. अपनी पसंद के हिसाब से कार की बॉडी स्टाइल का चुनाव करें, जैसे कि एसयूवी, सेडान, एमपीवी या हैचबैक. सबसे अच्छा तरीका है अपनी जरूरतों की एक लिस्ट बनाएं जैसे कि सुरक्षा, इंजन, केबिन में जगह, वेरिएंट आदि, और देखें कि कौन सी कार उस लिस्ट के हिसाब से आपके लिए सही है. लिस्ट को लेकर आप कुछ जगहों पर निराश भी हो सकते हैं जिसके लिए तैयार रहें. इसके अलावा आपको यह भी देखना होगा कि इस कार का रजिस्ट्रेशन पीरियड कितने साल का है.
वाहन की हिस्ट्री
सेकेंड हैंड कर खरीदते समय सबसे ज़्यादा ध्यान इसके कागजात पर देना होता है. इस बात की विशेष रूप से जांच करें कि कार की बची हुई वॉरंटी कितनी है, क्या इसे किसी भी प्रकार से मॉडिफाय किया गया है, क्या कार को दोबारा पेन्ट किया गया है, कहीं वाहन चोरी का तो नहीं है और कहीं वाहन निर्माता कंपनी ने इस वाहन की बिक्री बंद तो हीं कर दी है. अगर वाहन निर्माता द्वारा कार की बिक्री बंद कर दी गई है और आप इसे सेकेंड हैंड खरीदते हैं तो कभी कोई खराबी आ जाने पर या तो इसके पुर्ज़े आसानी से मिलेंगे नहीं, या फिर बहुत महंगे मिलेंगे.
दिन में करें वाहन की जांच
जब भी आप यूज्ड कार देखने जाएं तो दिन के उजाले में जाएं और डीलर या कार के मौजूदा मालिक से इसकी जानकारी लें. कार की बॉडी, इंजन, केबिन और पेन्ट की सही तरीके से जांच करें, इसके अलावा कार के टायर्स की जांच भी कर लें कि ये बहुत पुराने तो नहीं हैं. अगर कार पर डेंट लगा हो तो देखें कि दुर्घटना बड़ी तो नहीं थी, कई बार बॉडी ठीक हो जाती है और अंदर के पुर्जे खराब अवस्था में ग्राहकों को मिलते हैं. अच्छी तरह कार चलाकर देखें और जबतक संतुष्टि ना हो तबतक इसकी टैस्ट ड्राइव लेते रहें. कार चलाते समय कार की आवाज़, वाइब्रेशन और सस्पेंशन पर ध्यान लगाएं.
मैकेनिक से करवाएं कार की जांच
अपनी ओर से सेकेंड हैंड कार को लेकर संतुष्ट होने के बाद एक बार अपने किसी परिचित मैकेनिक से कार की जांच जरूर करवाएं. इससे आपको वो जानकारी भी मिल जाएगी जो सेकेंड हैंड कार चलाने पर आम आदमी की पकड़ में नहीं आती. मैकेनिक कार को चलाकर देखते हैं और आपको इसकी सही जानकारी देते हैं जिससे यूज्ड कार की मौजूदा हालत आपको पता चलती है. वर्कशॉप से मैकेनिक को लेकर जाएंगे तो वो मामूली शुल्क आपसे लेते हैं. इसके बाद बारी आती है अंतिम चरण की.
मोलभाव
यह सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है ज्यादातर डील्स मोलभाव करते-करते ही खत्म हो जाती हैं, लेकिन मोलभाव करना बहुत ज़रूरी भी है ताकि आपको सही दाम पर सेकेंड हैंड कार मिल सके. इसके लिए सबसे अच्छा पैंतरा है अपने नज़दीकी डीलर से संपर्क करें और उससे कार पर अधिकतम छूट मांगें. डीलर्स चाहेंगे कि आपसे अधिक से अधिक कीमत वसूल सकें, लेकिन यहां आपको सतर्क रहना होगा. इसके अलावा आपको अगर कुछ गड़बड़ नज़र आ रही है तो इस डील को कैंसल करके अगली डीलरशिप की ओर रूख कर लें. अगर डील सही मिलती है तो कार के सभी पेपर्स की जांच करें. ध्यान रखें कि पिछले मालिक से कार को अपने नाम करवाएं और कार पर मालिकाना हक के लिए इसका रजिस्ट्रेशन भी हासिल करें.
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अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें
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