क्या है इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम जिसे जल्द लागू करवाना चाहते हैं सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ

भारत में सालाना लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं और इनमें से बहुत सारे लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं। इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम वो जरिया बन सकता है जिसके लागू होने से ए क्सीडेंट में बड़ी कमी आ सकती है।

Inteligent Transport System For Road Safety

इंटेजलजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम इसका एक जरिया साबित हो सकता है।

मुख्य बातें
  • क्या है इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम
  • सड़क दुर्घटनाएं रोकने का जरिया
  • देश में जल्द लागू हो सकता है
Inteligent Transport System: सालाना भारत में जितने लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गांवा देते हैं, उनती जानहानि पूरी दुनिया में कहीं नहीं होती। इसके अलावा लाखों लोग हर साल सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल भी होते हैं जो कई बार जीवन भर का सब क बनकर रह जाता है। ऐसे में हमारे ट्रांसपोर्ट सिस्टम को अगर और बेहतर बनाया जाएगा तो इससे रोड एक्सीडेंट की संख्या में बड़ी गिरावट आ सकती है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में बड़ी कमी लाना चाहते हैं। इंटेजलजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम इसका एक जरिया साबित हो सकता है।

इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने मंगलवार को भारत में एक ‘इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ (आईटीएस) के तत्काल कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत में लगातार बढ़ते यातायात के कारण सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु का खतरा अधिक है। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन की भारतीय इकाई (आईआरएफ-आईसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो परिवहन इंजीनियरिंग विभाग के चेयरमैन बलराज भनोट ने कहा कि आईटीएस, चालकों को सड़क की स्थिति के बारे में वास्तविक जानकारी प्रदान करके सड़क सुरक्षा में सुधार करने का एक तरीका है।

लाखों लोगों की जान बचेगी

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आने वाली समस्याओं तथा चुनौतियों का अनुमान लगाना चाहिए। उनके लिए तैयार रहना चाहिए। इसमें ही आईटीएस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।’’ कार्यक्रम में आईआरएफ के मानद अध्यक्ष के.के. कपिला ने कहा कि देश में सड़क सुरक्षा में सुधार का सबसे अच्छा तरीका स्मार्ट परिवहन प्रणाली प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। कुल मिलाकर टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए भारत में हर साल हजारों सड़क दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं और इनमें मरने और घायल होने वाले लाखों लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
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अंशुमन साकल्ले author

अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें

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