30 वर्षों की समृद्ध विरासत के साथ, अगिलस डायग्नोस्टिक्स ने डायग्नोस्टिक क्षेत्र में अपनी अग्रणी पहचान बनाई है। टाइम्स डायग्नोस्टिक सर्वेक्षण में रैंक 1 प्राप्त कर अगिलस ने उद्योग में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उत्कृष्टता, नवाचार और सुलभता के प्रति इसकी मजबूत प्रतिबद्धता ने स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों से लेकर रोगियों तक, सभी हितधारकों का विश्वास अर्जित किया है। बॉलीवुड आइकॉन अनिल कपूर के ब्रांड एंबेसडर बनने से अगिलस की छवि ‘विश्वास, गति और सटीकता’ के प्रतीक के रूप में और भी मजबूत हुई है।

कंपनी ने लगभग एक दशक पहले नेक्स्ट-जेनरेशन सीक्वेंसिंग और सैंगर सीक्वेंसिंग जैसी तकनीकों की शुरुआत की थी।

Hindi_Times Health Award 2025

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अगिलस डायग्नोस्टिक्स ने डायग्नोस्टिक क्षेत्र में कई अग्रणी पहल की हैं। यह भारत की पहली डायग्नोस्टिक लैब है जिसने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) से एकीकृत किया और पहली बड़ी लैब बनी जिसे CAP और NABL दोनों की मान्यता प्राप्त हुई। अगिलस भारत की एकमात्र लैब श्रृंखला है जिसने भारतीय ओलंपिक संघ के साथ साझेदारी की है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कंपनी ने लगभग एक दशक पहले नेक्स्ट-जेनरेशन सीक्वेंसिंग और सैंगर सीक्वेंसिंग जैसी तकनीकों की शुरुआत की थी। हाल ही में, अगिलस ने होल एक्सोम सीक्वेंसिंग पैनल और ड्रग जीनोमिक्स सेवाएं शुरू की हैं। जीनोमिक्स अब किसी विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आधुनिक डायग्नोस्टिक्स का एक मुख्य स्तंभ बन चुका है। अगिलस देश की एकमात्र लैब श्रृंखला है जो इस क्षेत्र पर निरंतर और ठोस ध्यान केंद्रित करती है। यह ऑन्कोलॉजी, रिप्रोडक्टिव जीनोमिक्स, इनहेरिटेड डिसऑर्डर्स, रेयर डिजीज़, इंफेक्शियस डिजीज़ और ट्रांसप्लांट इम्यूनोलॉजी सहित 600 से अधिक परीक्षण प्रदान करती है। कैंसर जीनोमिक्स रिपोर्ट को मात्र तीन दिनों में उपलब्ध कराकर, अगिलस अपनी सेवा उत्कृष्टता को सिद्ध करता है।

ब्रांड पहचान को सुदृढ़ करने हेतु अगिलस ने प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप और IPL में आधिकारिक लोगो प्रायोजक के रूप में अगिलस को व्यापक दृश्यता मिली। दिल्ली मेट्रो विज्ञापन अभियान को भी अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है, जिससे ब्रांड की जागरूकता और मजबूत हुई है। इसके अतिरिक्त, मैराथन और वेलनेस पहलों को प्रायोजित कर अगिलस ने सक्रिय स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने के अपने मिशन को साकार किया है।

2024 में, अगिलस ने अपनी फार्माकोजीनोमिक्स यूनिट शुरू की, जो कैंसर, हृदय रोग, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी आदि के लिए ड्रग जीनोमिक्स पैनल प्रदान करती है। हाल ही में चौथी पीढ़ी की डीएनए सीक्वेंसिंग तकनीक "नैनोपोर सीक्वेंसिंग" की शुरुआत की गई है, जो प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी और संक्रामक रोग निदान में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। अगिलस जीनोमिक्स को रूटीन डायग्नोस्टिक्स में एकीकृत कर क्लिनिकल निर्णय को और अधिक प्रभावी बनाने तथा व्यक्तिगत चिकित्सा के माध्यम से रोगी के परिणामों में सुधार लाने का प्रयास कर रहा है।

महामारी ने डायग्नोस्टिक्स उद्योग को बड़े पैमाने पर बदल दिया। प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, AI-संचालित डायग्नोस्टिक्स, डिजिटल पैथोलॉजी और होम-बेस्ड टेस्टिंग जैसी प्रवृत्तियां तेज हुईं, जिससे डायग्नोस्टिक सटीकता, दक्षता और सुलभता में सुधार हुआ। ये नवाचार भविष्य की दिशा को परिभाषित करते हैं।

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) जैसी पहलों से भारत एकीकृत डिजिटल हेल्थ सिस्टम की ओर अग्रसर है। टेलीपैथोलॉजी, लैबोरेटरी इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स (LIMS) और क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म जैसी तकनीकें भौगोलिक बाधाओं को तोड़ रही हैं, जिससे दूरस्थ निदान और डेटा साझा करना आसान हो गया है। जैसे-जैसे स्वास्थ्य सेवा अधिक डिजिटल हो रही है, डायग्नोस्टिक्स प्रारंभिक रोग पहचान और प्रबंधन में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हालांकि उद्योग में वृद्धि हुई है, लेकिन भारत में डायग्नोस्टिक लैब्स के लिए एक समग्र नियामक ढांचा अभी भी नहीं है। वर्तमान में निगरानी तंत्र बिखरा हुआ है और मुख्य रूप से बायोमेडिकल वेस्ट निपटान और डायग्नोस्टिक किट स्वीकृति तक सीमित है। गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से मानकीकृत प्रोटोकॉल, अनिवार्य मान्यता और एकसमान संचालन मानकों की अपेक्षा की जाती है। ये नियामक बदलाव रोगी सुरक्षा, सेवा गुणवत्ता और उद्योग की विश्वसनीयता को बढ़ाएंगे और नवाचार को बढ़ावा देंगे।

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) भारत में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, विशेष रूप से पिछड़े क्षेत्रों में। अगिलस ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) और उत्तर प्रदेश, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली की राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की है, ताकि दूरस्थ जिलों में पैथोलॉजी लैब स्थापित की जा सकें। इन साझेदारियों ने लाखों लोगों को किफायती डायग्नोस्टिक सेवाएं उपलब्ध कराई हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं पहुंच में उल्लेखनीय सुधार किया है।

अपनी तकनीक और व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाकर, अगिलस सरकार की समावेशी स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि का समर्थन करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी व्यक्ति भौगोलिक सीमाओं के कारण पीछे न छूटे।

भारत में डायग्नोस्टिक अनुसंधान में वैश्विक नेता बनने की अपार संभावना है, लेकिन अनुसंधान एवं विकास (R&D) में सीमित निवेश के कारण प्रगति बाधित रही है। इस अंतर को पाटने के लिए उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच अधिक सहयोग आवश्यक है। भारत की विविध आनुवंशिक संरचना का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर जनसंख्या अध्ययन किए जा सकते हैं, जो भविष्यवाणी और रोकथाम आधारित स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देंगे। रोग पैटर्न और आनुवंशिक प्रवृत्तियों का विश्लेषण कर प्रारंभिक रोग चिह्नों की पहचान और उपचार को व्यक्तिगत बनाना संभव होगा।

अगिलस डायग्नोस्टिक्स ने भारतीय डायग्नोस्टिक उद्योग में उत्कृष्टता के मानक स्थापित किए हैं। अपनी मजबूत विरासत, अग्रणी तकनीकों और रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा के प्रति अडिग प्रतिबद्धता के साथ, कंपनी आगे बढ़ती रहेगी। अपने जीनोमिक्स पोर्टफोलियो का विस्तार कर, उद्योग सुधारों की वकालत कर और रणनीतिक साझेदारियों का लाभ उठाकर, अगिलस डायग्नोस्टिक्स के भविष्य को आकार दे रहा है। जैसे-जैसे उद्योग विकसित हो रहा है, अगिलस नवाचार, उच्च गुणवत्ता और सुलभ डायग्नोस्टिक समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें।

(No Times Now Journalists are involved in creation of this article.)

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