2000 Rs Note Withdraw News: 30 सितंबर तक बैंकों में कर सकते हैं जमा 2000 के नोट, विपक्ष के निशाने पर सरकार


नोट खपाने के लिए पेट्रोल पंपों पर भीड़
2000 रुपए के नए नोट जारी नहीं किए जाएंगे। लेकिन पहले से चल रहे नोट कानून वैध हैं। आरबीआई के निर्णय के बाद अब बड़ी संख्या में लोग इन नोटों को खपाने में जुट गए हैं। पेट्रोल पंपों पर इन नोटों को बदलने के लिए लंबी लंबी लाइन लग रही है।माकपा महासचिव सीताराम येचुरी का बड़ा हमला
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह 2016 में हुई नोटबंदी के फैसले के उलट है। प्रधानमंत्री मोदी ने तब बड़े जोर-शोर से कहा था कि विमुद्रीकरण (नोटबंदी) से कालाधन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद को वित्तपोषण जैसी समस्याएं खत्म हो जाएंगी और इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। येचुरी ने कहा कि यह कदम इन सभी मोर्चों पर एक निराशाजनक विफलता है।क्या है मकसद
वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने इस फैसले की घोषणा के बाद एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि यह फैसला नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी से अलग है और इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने 30 सितंबर तक जमा नहीं किए जाने वाले नोट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बैंकों के पास इससे निपटने की समुचित व्यवस्था होगी। वहीं पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि आरबीआई के इस कदम का मकसद उच्च मूल्य वाले नोट पर निर्भरता को कम करना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का है। उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये के आधे नोट पहले ही वित्तीय व्यवस्था से बाहर हो चुके हैं।2016 की नोटबंदी से अलग
आरबीआई का यह कदम नवंबर, 2016 के उस अप्रत्याशित ऐलान से थोड़ा अलग है जिसमें घोषणा की आधी रात से ही 500 एवं 1,000 रुपये के तत्कालीन नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था। उसी समय आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे। हालांकि केंद्रीय बैंक ने यह नहीं बताया है कि 30 सितंबर की समयसीमा खत्म होने के बाद लोगों के पास बचे रह गए 2,000 रुपये के नोट की क्या स्थिति होगी। सूत्रों के मुताबिक, समयसीमा खत्म होने के बाद भी अगर लोगों के पास ये नोट मौजूद रहते हैं तो उन पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।काले धन पर लगेगी लगाम: आरबीआई पूर्व डिप्टी गवर्नर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने शुक्रवार को कहा कि 2,000 रुपये के बैंक नोट वापस लेने से काले धन पर रोक लगाने में काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा क्योंकि लोग यह नोट जमा कर रहे हैं। गांधी ही वर्ष 2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से हटाये जाने के समय आरबीआई में मुद्रा विभाग के प्रमुख थे। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि भुगतान पर किसी भी प्रणालीगत प्रभाव की संभावना नहीं है क्योंकि इन नोटों का उपयोग दैनिक भुगतानों में नहीं किया जाता है। ज्यादातर भुगतान डिजिटल माध्यम से होते हैं।क्या बोले वित्त राज्य मंत्री
RBI ने 2000 रुपए के करेंसी नोट (Currency Notes) को वापस लेने यानी इसके सर्कुलेशन को बंद करने का फैसला लिया है। इसपर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री Pankaj Choudhary ने बड़ा बयान दिया है कि 2000 के नोट पर लोग परेशान न हों।पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का ट्वीट
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया- "जैसी संभावना थी उसी के मुताबिक सरकार/आरबीआई ने 2000 रुपये का नोट वापस लेने का फैसला किया। 2000 रुपये का नोट लेनदेन के लिए बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। हमने यह नवंबर, 2016 में कहा था और अब सही साबित हुए हैं। 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण फैसले को ढंकने के लिए 2000 रुपये का नोट ‘बैंड-एड’ की तरह था। नोटबंदी के कुछ सप्ताह के बाद सरकार/आरबीआई को 500 रुपये के नोट फिर से जारी करना पड़ा। मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर सरकार/आरबीआई 1000 रुपये का नोट फिर से जारी कर दे।"शिवसेना (UBT) ने भी मोदी सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना (UBT) ने 2000 के नोट वापस लेने के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा- "कब तक देश के लोगों को बैंक के लाइन में लगवा कर परेशान करेंगे मोदीजी आप, काला धन के नाम पर पहले ही बहुत परेशान हो चुके हैं हम सब। पहले 2016 में नोटबंदी की , और आज 2023 में 2000 रुपये के नोट बंद कर रहे हैं आप।"दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक- सुशील कुमार मोदी
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा- "काले धन पर यह दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक है। नोटबंदी के दौरान लोगों को तुरंत राहत देने के लिए सरकार ने 2000 रुपए के नोट छापने शुरू किए थे। इससे आम आदमी को परेशानी नहीं होगी क्योंकि उनके पास 2000 रुपये के नोट नहीं हैं।" पढ़ें पूरी खबरकांग्रेस का हमला
नोट वापसी के फैसले पर कांग्रेस ने भी हमला बोला है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा- "हमेशा की तरह PM मोदी का एक और फैसला गलत साबित हुआ। 2000 के नोट अब चलन में नहीं रहेंगे। याद रहे- नोटबंदी के तानाशाही फैसले के बाद इस नोट को लाया गया था। दावा था कि इससे कालाधन खत्म हो जाएगा, भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। सारे दावे पलट गए, अब बिना सोचे-समझे लिया गया ये फैसला भी पलट गया। मोदी जी... आपसे गुजारिश है- बचकाने फैसले लेना बंद कीजिए।"केजरीवाल ने साधा निशाना
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 2000 के नोट वापस लेने के फैसले पर केंद्र पर हमला बोला है। केजरीवाल ने कहा- "पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा।"बंद थी छपाई
आरबीआई ने 2000 के नोटों की छपाई काफी पहले बंद कर दी थी। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-19 से 2,000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी थी।अगर 30 सितंबर तक नहीं बदल पाए 2000 के नोट
कहने का सीधा मतलब ये है कि फिलहाल 2000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर ही आखिरी तारीख है। हालांकि, अगर नोट जमा करने या बदलने की डेडलाइन में किसी भी तरह का कोई बदलाव होता है तो RBI इसे लेकर सभी जरूरी जानकारी जारी कर देगा। फिलहाल, 2000 रुपये के नोट जमा करने और बदलने की आखिरी तारीख 30 सितंबर ही है। पढ़ें पूरी खबरकैसे बदले जाएंगे 2000 रुपये के नोट, क्या है प्रोसेस
बैंकों में 23 मई से 2000 रुपये के नोट जमा होने शुरू हो जाएंगे। इतना ही नहीं, अगर आप चाहें तो अपने 2000 रुपये के नोटों को 500, 200 या 100 रुपये के नोटों के साथ एक्सचेंज भी करा सकते हैं। 2000 रुपये के नोट जमा कराने या एक्सचेंज कराने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। यानी लोगों के पास 2000 रुपये के नोट जमा करने और एक्सचेंज करने के लिए 4 महीने से भी ज्यादा समय है। पढ़ें पूरी खबरवैध मुद्रा बने रहेंगे
आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे। हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे।दो हजार रुपये के नोट चलन से होंगे बाहर
2000 रुपये के नोट को लेकर लंबे समय से चल रही सुनी-सुनाई बातों पर आज आखिरकार ब्रेक लग गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2000 रुपये के नोट को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई ने देश में काम कर रहे सभी बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नोटों को जारी करना बंद कर दें। हालांकि, देशवासियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि 2000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। पढ़ें पूरी खबरदुनिया की नंबर 1 सहकारी संस्था IFFCO ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय बिल 2025 का किया स्वागत
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