2000 के नोट बदलने के लिए ID और फॉर्म भरने की जरूरत नहीं, RBI के फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल

Petition filed in Delhi High Court on 2000 Rupees Note: दिल्ली उच्च न्यायालय में, हाल में चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के नोटों को बिना जरूरी फॉर्म या पहचान पत्र के बदले जाने के विरोध में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी है।

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RBI ने शुक्रवार, 19 मई को की थी 2000 के नोटों को चलन से वापस लेने का ऐलान

Petition filed in Delhi High Court on 2000 Rupees Note: दिल्ली उच्च न्यायालय में, हाल में चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के नोटों को बिना जरूरी फॉर्म या पहचान पत्र के बदले जाने के विरोध में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी है। वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में दलील दी कि इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अधिसूचनाएं मनमानी, अतार्किक हैं और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती हैं। याचिका में कहा गया है कि बड़ी संख्या में नोट या तो लोगों के लॉकर में पहुंच गए हैं या ‘‘अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, मादक पदार्थ के तस्करों, खनन माफियाओं तथा भ्रष्ट लोगों ने जमा कर रखे हैं।’’

याचिका में 2000 के नोट को लेकर कही गई ये बातें

इसमें कहा गया है कि ज्यादा मूल्य के नोट में नकद लेनदेन भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है तथा इन नोटों का आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, कट्टरपंथ, जुआ, तस्करी, धन शोधन, अपहरण, वसूली, रिश्वतखोरी और दहेज आदि जैसे गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है। याचिका के अनुसार, यह देखते हुए आरबीआई और एसबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 2,000 रुपये के नोट केवल संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाए।

2000 के नोटों को सिर्फ खातों में जमा कराने का अनुरोध

याचिका में कहा गया है, ‘‘हाल में केंद्र ने यह घोषणा की थी कि प्रत्येक परिवार के पास आधार कार्ड तथा बैंक खाता होना चाहिए। फिर क्यों आरबीआई बिना पहचान पत्र के 2,000 के नोट बदलने की अनुमति दे रहा है। यह बताना भी जरूरी है कि गरीबी रेखा से नीचे 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त अनाज मिलता है। अत: याचिकाकर्ता आरबीआई तथा एसबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध करता है कि 2,000 रुपये के नोट केवल बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं।’’

बैंक खातों से मिलेगी काला धन इकट्ठा करने वाले लोगों की जानकारी

इसमें कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोट बैंक खातों में जमा कराने से उन लोगों की आसानी से पहचान हो सकेगी जिनके पास काला धन और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।

2000 के 10 नोट बदलने के लिए किसी आईडी की जरूरत नहीं

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम लोगों को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों यानी 2,000 रुपये के दस नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी। बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा, ‘‘विनिमय के समय कोई पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है।’’

भाषा इनपुट्स के साथ

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    सुनील चौरसिया author

    मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें

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