72 घंटे की हड़ताल पर 3 बिजली कंपनियां! इसका एक कारण अडानी समूह

72 घंटे की हड़ताल के मद्देनजर महावितरण ने कल्याण संभाग के लिए आधी रात से एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। इससे उसके उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

strike

Maharashtra: 72 घंटे की हड़ताल पर 3 बिजली कंपनियां!

नई दिल्ली। भारत की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में से एक, महाराष्ट्र में सरकारी सेक्टर की तीन पावर कंपनियों के कर्मचारी संघों ने 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इस संदर्भ में एक अधिकारी ने कहा कि कंपनियों के निजीकरण के विरोध में इस हड़ताल की चेतावनी दी गई है। हड़ताल का एक कारण एशिया के सबसे रईस शख्स की कंपनी अडानी ग्रुप (Adani Group) भी है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

किन कंपनियों के कर्मचारियों ने दी चेतावनी?

इन कंपनियों के कर्मचारी संघों की कार्य समिति महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी, अधिकारी एवं अभियंता संघर्ष समिति ने हड़ताल का आह्वान किया है।

महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव कृष्ण भोईर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ चालकों, वायरमैन, अभियंताओं और अन्य कर्मचारियों की 30 से अधिक यूनियन सरकारी विद्युत कंपनियों के निजीकरण के प्रयास को विफल करने के लिए एक साथ हैं।’’ महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महावितरण), महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महापारेषण) और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महानिर्मिति) सरकारी विद्युत कंपनियां हैं।

हड़ताल पर हजारों कर्मचारी

भोईर ने कहा कि इन कंपनियों के कर्मी पिछले दो-तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को 15,000 से अधिक कर्मियों ने ठाणे में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, ‘‘ इन तीन विद्युत कंपनियों के करीब 86,000 कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता निजीकरण के खिलाफ बुधवार से 42,000 अनुबंधित कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों के साथ 72 घंटे की हड़ताल पर चले जायेंगे।’’

क्या है मामला?

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी कर्मियों की एक बड़ी मांग यह है कि अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी को पूर्वी मुंबई के भांडुप, ठाणे और नवी मुंबई में मुनाफा कमाने के लिए समानांतर वितरण लाइसेंस नहीं दिया जाए। पिछले साल नवंबर में अडानी समूह की एक कंपनी ने मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत वितरण का अपना कारोबार बढ़ाने के लिए लाइसेंस मांगा था। अडानी ट्रांसमिशन की सहायक कंपनी अडानी इलेक्ट्रिसिटी नवी मुंबई लिमिटेड ने भांडुप, मुलुंद, ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल, तलोजा तथा उरन शहरी क्षेत्रों में महावितरण के क्षेत्राधिकार में विद्युत वितरण के वास्ते समानांतर लाइसेंस के लिए महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग में आवेदन दिया था।

भोईर ने कहा, ‘‘ इस आंदोलन में कोई वित्तीय मांग नहीं है लेकिन हम चाहते हैं कि राज्य के लोगों के स्वामित्व वाली ये विद्युत कंपनियां टिकी रहें। इन्हें पूंजीपतियों के हाथों में नहीं बेची जानी चाहिए क्योंकि पूंजीपति बस मुनाफा कमाने की मंशा रखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले महीने राज्य सरकार को दिये गये हड़ताल नोटिस में कार्यसमिति ने 18 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी है।

महावितरण के स्वतंत्र निदेशक विश्वास पाठक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दो निजी कंपनियों ने राज्य में समानांतर वितरण लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है लेकिन यह निजीकरण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘...सरकार महावितरण की स्वामी है और उसके पास उसकी शतप्रतिशत हिस्सेदारी है। उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited