नई संसद से तीन गुना ज्यादा पैसा पुरानी संसद बनने में हुआ था खर्च, यकीन नहीं आता तो जानें ये कैलकुलेशन
पुरानी संसद का खर्च आज के हिसाब से बनता 2686.5 करोड़ रु। जबकि नई संसद बनकर तैयार हुई है 971 करोड़ रु में। यानी पुरानी संसद पर नई संसद से करीब 3 गुना ज्यादा पैसा खर्च हुआ था।
पुरानी संसद की आज की लागत
- नई संसद का हुआ उद्घाटन
- 971 करोड़ रु की लागत से हुई है तैयार
- पुरानी संसद पर खर्च हुए थे 83 लाख रु
New Parliament Building : रविवार 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र ने मोदी भारत के शानदार नए संसद भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन कर दिया है। भारत के पास अब संसद की एक नई इमारत है। पुरानी संसद (Old Parliament Building) 1927 में बनकर तैयार हुई थी, जिसे बनाने का काम 1921 में शुरू हुआ था। नई संसद को बनाने में 971 करोड़ रु का खर्च आया है। मगर क्या आप जानते हैं कि पुरानी संसद को बनाने में उस जमाने के हिसाब से कितने पैसे लगे आगे थे, आगे जानिए।
पुरानी संसद की लागत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुरानी संसद को बनाने में 83 लाख रु खर्च हुए थे। 1927 के के 83 लाख रु आज के 2686.5 करोड़ रु बनते हैं। दरअसल 1927 में सोने का रेट सिर्फ 18.37 रु था, जबकि आज सोने का रेट 59460 रु है। यानी 96 सालों में सोने की कीमत 3226.27 गुना बढ़ी है। इसी तरह अगर 83 लाख को भी 3226.27 गुना कर दें तो ये रकम बनेगी 2686.5 करोड़ रु।
नई संसद से तीन गुना खर्च
पुरानी संसद का खर्च आज के हिसाब से बनता 2686.5 करोड़ रु। जबकि नई संसद बनकर तैयार हुई है 971 करोड़ रु में। यानी पुरानी संसद पर नई संसद से करीब 3 गुना ज्यादा पैसा खर्च हुआ था।
2020 में हुई थी शुरुआत
नई संसद को बनाने में लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) दोनों ने संसद के लिए एक नई इमारत बनाने के प्रस्ताव को पारित किया थआ। तय प्रोसेस के बाद पीएम मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को नए भवन का शिलान्यास किया था और अब उन्हीं ने नई संसद का उद्घाटन किया है।
पुराने भवन में लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 250 सदस्य बैठ सकते थे। नए संसद भवन में लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों के लिए जगह होगी।
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