Stock Market Crash Explained: इन 5 वजहों से शेयर बाजार में मचा हाहाकार ! मंदी से लेकर ट्रेड वॉर की चिंता ने निवेशकों में मचाई खलबली
Stock Market Crash Reason Today: सोमवार, 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। असल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ से शुरू हुए वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर आशंका बढ़ गयी है। इससे प्रमुख वैश्विक बाजारों में तीखी बिकवाली हुई है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख रहा है।

शेयर बाजार में मचा हाहाकार
- शेयर बाजार में हाहाकार
- 5 कारणों से टूटा बाजार
- मंदी की बढ़ रही आशंका
Stock Market Crash Reason Today: सोमवार, 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। असल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ से शुरू हुए वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर आशंका बढ़ गयी है। इससे प्रमुख वैश्विक बाजारों में तीखी बिकवाली हुई है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख रहा है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स करीब 4,000 अंक टूट गया था, जबकि निफ्टी 50 21,750 से नीचे चला गया था। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 10 फीसदी तक की गिरावट आई। करीब पौने 11 बजे सेंसेक्स 2761.97 अंक या 3.66 फीसदी की गिरावट के साथ 72,602.72 पर है। वहीं निफ्टी 900.85 अंक या 3.93 फीसदी की गिरावट के साथ 22,003.30 पर है।
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ग्लोबल सेल-ऑफ
दुनिया भर में लगभग हर प्रमुख बाजार में भारी गिरावट आ रही है। ट्रम्प प्रशासन ने अपनी टैरिफ योजनाओं से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है। इससे भारतीय बाजार भी प्रभावित हो रहा है।
और गिरावट का संकेत
ट्रम्प प्रशासन ने 180 से ज्यादा देशों पर लगाए गए व्यापक टैरिफ पर कड़ा रुख अपनाया है। इससे बाजार में घबराहट बढ़ गई है और तेजी से बातचीत के जरिए अनुकूल नतीजे मिलने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। भारतीय बाजारों के मामले में एक्सपर्ट्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें और गिरावट आ सकती है।
मंदी का डर
जानकारों का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ से महंगाई बढ़ेगी, कॉर्पोरेट प्रॉफिटैबिलिटी घटेगी, उपभोक्ताओं की भावना प्रभावित होगी और आर्थिक विकास पर असर पड़ेगा। रॉयटर्स के अनुसार, जेपी मॉर्गन ने अमेरिका और वैश्विक मंदी की संभावना को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है।
भाग रहे विदेशी निवेशक
एक बड़ा कारण विदेशी निवेशकों का भारत से जाना भी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर ट्रम्प टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) ने इस महीने कैश सेगमेंट में शुक्रवार तक 13,730 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
आरबीआई की बैठक
कुछ हद तक, 9 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत निर्णय से पहले सतर्कता बरती जा रही है। मौजूदा हालात में, उम्मीदें बढ़ रही हैं कि केंद्रीय बैंक दरों में कटौती करेगा और ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए अतिरिक्त कदम उठाएगा।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर शेयर बाजार की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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