GST Council Meeting: छात्रों को बड़ा तोहफा, हॉस्टल में रहने पर नहीं देना होगा जीएसटी
GST Council Meeting: 53वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग छात्रों के लिए अहम फैसले लिए गए। जो छात्र शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावासों में रह रहे हैं उन्हें होस्टल पर लगने वाला जीएसटी नहीं देना होगा।
शैक्षणिक संस्थानों के बाहर के होस्टल पर छात्रों को नहीं लगेगा जीएसटी
GST Council Meeting: 53वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग हुई। इसमें छात्रों के लिए भी फैसले लिए गए। जीएसटी काउंसिल ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर के छात्रावासों में रहे वाले छात्रों को भी छूट जाएगी। जीएसटी काउंसिल ने प्रति छात्र प्रति माह 20000 रुपए तक की आपूर्ति मूल्य वाली आवास सेवाओं को छूट देने की सिफारिश की है। यानी छात्रों को होस्टल पर लगने वाला जीएसटी नहीं देना होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जो छात्र अगर वे शैक्षणिक संस्थानों से बाहर रह रहे हैं। यानी शैक्षणिक संस्थानों में नहीं हैं, उन्हें भी छूट दी जा रही है। अगर वे शैक्षणिक संस्थानों के भीतर हैं तो उन्हें पहले से ही छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि यह छूट छात्रों या कामकाजी वर्ग के लिए है और कम से कम 90 दिनों तक रहने पर इसका लाभ उठाया जा सकता है।
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टैक्सपेयर्स को राहत
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी प्रशासन के तहत कुल 58.62 लाख टेक्सपेयर्स में दो प्रतिशत से भी कम को टैक्स नोटिस भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा अनुपालन आवश्यकताओं को कम करके जीएसटी टैक्सपेयर्स के जीवन को आसान बनाना है। उन्होंने कहा कि मैं टैक्सपेयर्स को भरोसा देती हूं कि हमारा इरादा जीएसटी टैक्सपेयर्स के जीवन को आसान बनाना है। हम कम से कम अनुपालन की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सीजीएसटी की ओर से सभी एक्टिव टैक्सपेयर्स में केवल 1.96 प्रतिशत को केंद्रीय जीएसटी से नोटिस भेजे गए हैं।
जीएसटी में लाया जाएगा पेट्रोल और डीजल!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है और अब राज्यों को एक साथ आकर इसकी दर तय करनी है। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है। अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी का इरादा पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना था। अब राज्यों को दर तय करनी है। मेरे पूर्ववर्ती (अरुण जेटली) की मंशा बहुत स्पष्ट थी, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में आएं।
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