GST Council Meeting: प्लेटफॉर्म टिकट सहित रेलवे की सर्विसेज पर नहीं लगेगा जीएसटी, देश में लागू होगा बायोमेट्रिक सिस्टम, पढ़ें अहम फैसले
GST Council Meeting: आज 53वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग हुई। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक में व्यापार सुविधा, अनुपालन बोझ को कम करने और अनुपालन में आसानी के मामले में करदाताओं को राहत देने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं।
53rd GST Council Meeting पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
GST Council Meeting: 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में व्यापार सुविधा, अनुपालन बोझ को कम करने और अनुपालन में आसानी के मामले में करदाताओं को राहत देने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। इसलिए इससे व्यापारियों, एमएसएमई और करदाताओं को लाभ होगा। प्लेटफॉर्म टिकट सहित रेलवे की सर्विसेज पर जीएसटी नहीं लगेगा। देश में बायोमेट्रिक सिस्टम लागू होगा।
प्लेटफॉर्म टिकट समेत रेलवे की सर्विसेज पर नहीं लगेगा जीएसटी
सीतारमण ने कहा कि काउंसिल ने सभी सौर कुकरों पर 12% जीएसटी निर्धारित करने की सिफारिश की है, चाहे वे सिंगल या डबल ऊर्जा स्रोत वाले हों। भारतीय रेलवे द्वारा आम आदमी को दी जाने वाली सेवाएं, प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम, क्लोकरूम सेवाएं, बैटरी चालित कार सेवाओं को जीएसटी से छूट दी जा रही है। इसके अलावा, अंतर-रेलवे आपूर्ति को भी छूट दी जा रही है। शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रों के लिए छात्रावासों को भी छूट दी जा रही है। काउंसिल ने प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपए तक की आपूर्ति मूल्य वाली आवास सेवाओं को छूट देने की सिफारिश की है, ये सेवाएं न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए दी जाती हैं।
पेट्रोल-डीजल भी आएगा जीएसटी के दायरे में!
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसे जीएसटी के दायरे में लाने का इरादा है। जैसा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लाया गया था, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना है। हालांकि यह राज्यों पर निर्भर है कि वे एक साथ आकर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाएं। केंद्र सरकार की मंशा स्पष्ट है हम चाहते हैं कि जीएसटी में पेट्रोल और डीजल को शामिल किया जाए। इसके लिए संशोधन की जरूरत नहीं है। दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए मंत्री समूह का गठन हुआ है। जो अगस्त में रिपोर्ट सौंपेगा। जीएसटी को जब एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था, उसमें एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य शुल्कों को शामिल किया गया था। हालांकि यह फैसला किया गया था कि पांच वस्तुओं - कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर जीएसटी कानून के तहत बाद में टैक्स लगाया जाएगा।
डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश
आज, जीएसटी परिषद ने धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामलों सहित जीएसटी अधिनियम के सेक्शन 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है। उन सभी नोटिसों के लिए जो वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए थे, काउंसिल ने उन डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है जो तामील हो चुके हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 17-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर CGST एक्ट के सेक्शन 16(4) के तहत किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा 2011 से 2021 मानी जा सकती है। इसलिए 1 जुलाई 2017 से रिट्रोसपेक्टिवली जरूरी संशोधन के लिए काउंसिल ने एक सिफारिश की है।
कम होंगी सरकारी मुकदमेबाजी
सीतारमण ने कहा कि सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए काउंसिल ने विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, हाई कोर्ट के लिए 1 करोड़ रुपये और सुप्रीम कोर्ट के लिए 2 करोड़ रुपये सीमा की सिफारिश की है। काउंसिल ने यह भी सिफारिश की है कि अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपये CGST और 25 करोड़ SGST से घटाकर 20 करोड़ रुपये CGST और 20 करोड़ SGST की जाएगी और यह अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि है।
काउंसिल ने यह भी निर्णय लिया है और सिफारिश की है कि CGST अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन करके यह प्रावधान किया जाए कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की तीन महीने की अवधि उस दिन से शुरू होगी जिसे सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। इसलिए न्यायाधिकरण के अध्यक्ष ने पदभार ग्रहण कर लिया है और टैक्सपेयर्स द्वारा अपील की गई टैक्स फाइलिंग की उक्त अवधि 5 अगस्त 2024 को समाप्त हो जाएगी।
छोटे टैक्सपयेर्स को मदद
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे करदाताओं की मदद के लिए जीएसटी काउंसिल ने जीएसटीआर 4 फॉर्म में डिटेल और रिटर्न प्रस्तुत करने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाने की सिफारिश की है काउंसिल ने सिफारिश की है कि इसे 30 जून तक बढ़ाया जाए। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न के लिए लागू होगा।
बायोमेट्रिक आधारित आधार ऑथेंटिकेशन की होगी शुरुआत
अखिल भारतीय स्तर पर बायोमेट्रिक आधारित आधार ऑथेंटिकेशन की शुरुआत होने जा रही है। इससे हमें फर्जी बिलों के माध्यम से किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी।
सभी दूध के डिब्बों पर 12% एक समान जीएसटी
सीतारमण ने कहा कि काउंसिल ने सभी दूध के डिब्बों पर 12% की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है, जिसका अर्थ है स्टील, लोहा, एल्युमीनियम, चाहे उनका उपयोग किसी भी प्रकार का हो। उन्हें दूध के डिब्बे कहा जाता है, लेकिन उनका उपयोग जहां भी किया जाता है, वही दर लागू होगी, ताकि इससे कोई विवाद उत्पन्न न हो। परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स और नालीदार और गैर-नालीदार कागज या पेपर बोर्ड के मामलों पर 12% की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है। इससे विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के सेब उत्पादकों को मदद मिलेगी। काउंसिल ने यह भी स्पष्ट किया और सिफारिश की कि स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए कि फायर वाटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12% जीएसटी लगेगा।
53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह का अध्यक्ष बनाया गया है। अगली बैठक में सम्राट चौधरी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए किए गए कार्यों पर यथास्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद हम दरों को तर्कसंगत बनाने का काम शुरू करेंगे।
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