Enemy Properties: देश में 1 लाख करोड़ रु की दुश्मन संपत्ति, जानें मोदी सरकार नियम बदल कैसे उठा रही है फायदा
77th Indian Independence Day 2023: पिछले महीने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बताया था कि सरकार ने शत्रु संपत्तियों की पारदर्शी तरीके से नीलामी शुरू की है। इन संपत्तियों की नीलामी से सरकार को काफी पैसा मिलेगा।
देश में 1 लाख करोड़ रु की दुश्मन संपत्ति
- देश में 1 लाख करोड़ रु की शत्रु संपत्ति
- सरकार कर रही इनकी नीलामी
- 3,400 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति की हुई बिक्री
77th Indian Independence Day 2023: भारत-पाकिस्तान के बंटवारे (India Pakistan Partition) के बाद भले ही लाखों लोग भारत आए या किसी नए देश में चले गए, लेकिन विभाजन से जुड़ी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। इमनें से एक मामला है दूसरे देश चले जाने वाले लोगों की भारत में रह गई संपत्ति का। इसे शत्रु संपत्ति (Enemy Properties) कहा जाता है। शत्रु संपत्ति वो संपत्ति होती है जिसके मालिक पाकिस्तान या चीन के नागरिक बन गए।
पिछले महीने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा (Union Minister of State for Home Ajay Kumar Mishra) ने लोकसभा में बताया था कि सरकार ने शत्रु संपत्तियों की पारदर्शी तरीके से नीलामी शुरू की है। इन संपत्तियों की नीलामी से सरकार को काफी पैसा मिलेगा।
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1 लाख करोड़ रु की शत्रु संपत्ति
वे अचल (Immovable) और चल संपत्तियाँ (Moveable Assets) जो पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा भारत में छोड़ दी गई थीं, उन्हें 'शत्रु संपत्ति' माना जाता है।
ये संपत्तियां, पूरे भारत में, लेकिन ज्यादातर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में फैली हुई हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1 लाख करोड़ रुपये है। इन्हें बेचकर सरकार को 1 लाख करोड़ रु तक मिल जाएंगे।
2018 में कानून में हुआ बदलाव
2018 में, युद्धों के बाद पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्तियों के उत्तराधिकार या ट्रांसफर के दावों से बचाव (या ऐसी संपत्ति पर किसी के दावों को रोकने के लिए) के लिए 50 साल पुराने कानून शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पारित किया गया था।
2018 में हुए इस संशोधन ने यह सुनिश्चित किया कि उत्तराधिकार का कानून शत्रु संपत्ति पर लागू नहीं हो।
कंपनियां सरकार की हो गईं
1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के मद्देनजर, भारत से बहुत से लोग पाकिस्तान गए और भारत रक्षा अधिनियम के तहत बनाए गए भारत रक्षा नियमों के तहत, सरकार ने ऐसे व्यक्तियों की संपत्तियों और कंपनियों को अपने कब्जे में ले लिया, जिन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता ले ली थी।
सरकार ने क्या-क्या बेचा
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्तियों की बिक्री से 3,400 करोड़ रुपये से अधिक हासिल किए हैं। लेकिन इनमें केवल शेयर और सोना जैसी चल संपत्तियां शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि सरकार अब तक 12,611 अचल शत्रु संपत्तियों में से एक भी संपत्ति नहीं बेच पाई है।
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