Medicine Price Hike: 8 जरूरी दवाएं होंगी महंगी ! 50% तक बढ़ सकते हैं रेट, चेक करें लिस्ट

8 Common Medicines Price Rise: ये दवाएँ अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक और कुछ चुनिंदा मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर्स के ट्रीटमेंट के लिए यूज की जाती हैं। 8 अक्टूबर को प्राधिकरण की बैठक के बाद इनकी कीमतों में बढ़ोतरी का यह फैसला लिया गया।

8 Common Medicines Price Rise

8 आम दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी

मुख्य बातें
  • 8 दवाएं होंगी महंगी
  • 50 फीसदी तक होंगी महंगी
  • मेंटल हेल्थ की दवाएं शामिल
8 Common Medicines Price Rise: नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने आठ सामान्य दवाओं के कीमतों में बढ़ोतरी का आदेश दे दिया है। ये बढ़ोतरी इन दवाओं की वर्तमान कीमत से 50% तक होगी। यह आदेश निर्माताओं की उस दलील पर दिया गया है जिसमें उन्होंने उत्पादन और कच्चे माल की बढ़ी हुई लागत का हवाला देते हुए राहत मांगी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि NPPA के फैसले से आठ दवाओं के 11 फॉर्मूलेशन की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, जिनका उपयोग कई पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण फर्स्ट ऑप्शन के रूप में किया जाता है।
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कौन सी दवाएं होंगी महंगी

जिन फार्मूलों के अधिकतम रेट में बदलाव किया गया है, वे हैं : बेन्जाइल पेनिसिलिन 10 लाख आईयू इंजेक्शन; एट्रोपिन इंजेक्शन 06.एमजी/एमएल; इंजेक्शन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर 750 एमजी और 1000 एमजी; साल्बुटामोल टैबलेट 2 एमजी और 4 एमजी और रेस्पिरेटर सोल्यूशन 5 एमजी/एमएल; पिलोकार्पाइन 2% ड्रॉप्स; सेफैड्रोक्सिल टैबलेट 500 एमजी, इंजेक्शन के लिए डेसफेरियोक्सामाइन 500 एमजी; और लिथियम टैबलेट 300 एमजी।

किन बीमारियों में काम आती हैं ये दवाएं

ये दवाएँ अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक और कुछ चुनिंदा मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर्स के ट्रीटमेंट के लिए यूज की जाती हैं। 8 अक्टूबर को प्राधिकरण की बैठक के बाद इनकी कीमतों में बढ़ोतरी का यह फैसला लिया गया।

5 साल में तीसरी बार बढ़ोतरी

पिछले पांच वर्षों में यह तीसरी बार है, जब एनपीपीए ने 2019 (21 फॉर्मूलेशन) और 2021 (9) के बाद कुछ शेड्यूल्ड दवाओं की कीमतों में वृद्धि की है। इससे 40 फॉर्मूलेशन की कीमत में वृद्धि हुई है। टॉप अथॉरिटी को निर्माताओं से कीमतों में वृद्धि के लिए आवेदन प्राप्त हो रहे थे, जिनमें एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स की बढ़ी हुई लागत, प्रोडक्शन की बढ़ी हुई लागत और एक्सचेंज रेट में परिवर्तन जैसे कारण बताए गए हैं।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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