8th Pay Commission के गठन की उठी मांग, वेतन और भत्ते का हो संशोधन, AIRF ने मोदी सरकार को लिखा पत्र, जानें डिटेल

8th Pay Commission: लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गठन होते ही अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (AIRF) ने केंद्र सरकार पत्र लिखकर 8वां वेतन आयोग गठन करने की मांग की। रेलवे कर्मचारियों के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन का कहना है कि जिस हिसाब से महंगाई बढ़ी है उस हिसाब से 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) द्वारा तय सैलरी नकाफी है।

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आठवां वेतन आयोग के गठन के लिए रेलवे यूनियन मोदी सरकार को पत्र लिखा (तस्वीर-Canva)

8th Pay Commission: लोकसभा चुनाव के बाद के केंद्र सरकार को 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (AIRF) से एक पत्र मिला है, जो अन्य बातों के अलावा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन संबंधी लाभों को संशोधित करने की संभावनाओं पर विचार के लिए है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे कर्मचारियों के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन, अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के "वेतन,भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने" के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के तत्काल गठन की मांग की गई है। कहा गया कि 1 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के पारिश्रमिक और अन्य लाभों से संबंधित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा।

कब होगा 8वें वेतन आयोग का गठन?

7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से 10 साल के अंतराल को देखते हुए अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए। केंद्र आमतौर पर दो अलग-अलग वेतन आयोगों के कार्यान्वयन के बीच 10 साल का अंतराल रखता है। लेकिन अगले वेतन आयोग के गठन के मामले में केंद्र अभी तक चुप है। लोकसभा चुनाव खत्म होने और मोदी 3.0 के सत्ता में आने के साथ ही 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक सरकार को लिखे अपने पत्र में AIRF ने कहा कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें सरकार ने 1 जनवरी 2016 से लागू की थीं। हालांकि जनवरी 2016 से न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 26,000 रुपये प्रति माह करने की मांग को खारिज कर दिया गया था। 26,000 रुपये का न्यूनतम वेतन ILC नॉर्म्स और डॉ एक्रोयड फॉर्मूला आदि के विभिन्न घटकों के आधार पर गणना की गई थी।

न्यूनतम वेतन के लिए AIRF की क्या थी डिमांड

अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (AIRF) ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि उसने सेंट्रल पे कमिशन (CPC) के समक्ष यह भी कहा है कि राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम वेतन अभी भी कम है। दुर्भाग्य से हमारे सभी तर्कों को 7वें CPC ने बिना किसी आधार के खारिज कर दिया और न्यूनतम वेतन के रूप में 18,000 रुपये की सिफारिश की। न्यूनतम वेतन की परिभाषा के मुताबिक यह पारिश्रमिक की वह न्यूनतम राशि है जो किसी संगठन या कंपनी को एक निश्चित अवधि के दौरान किए गए कार्य के लिए वेतनभोगियों को देने की आवश्यकता होती है, जिसे सामूहिक समझौते या व्यक्तिगत कॉन्ट्रैक्ट द्वारा कम नहीं किया जा सकता है।

फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग

फिटमेंट फैक्टर पर यूनियन ने कहा कि जबकि कर्मचारी पक्ष ने मांग की थी कि फिटमेंट फैक्टर 3.68% होना चाहिए, 7वें CPC ने केवल 2.57% की सिफारिश की, जिसे सरकार ने कर्मचारी पक्ष के साथ कोई बातचीत किए बिना सीधे स्वीकार कर लिया जो आमतौर पर होता है। इसमें कहा गया है कि सातवें वेतन आयोग की प्रतिकूल सिफारिशों और कर्मचारी पक्ष से कोई चर्चा किए बिना तथा कर्मचारी पक्ष द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर विचार किए बिना सरकार द्वारा उन्हें स्वीकार कर लिए जाने से व्यथित होकर राष्ट्रीय परिषद के घटक संगठनों ने न्यूनतम वेतन तथा फिटमेंट फैक्टर में संशोधन की डिमांड को लेकर सरकार को हड़ताल का नोटिस दिया है।

फिटमेंट फैक्टर क्या है?

फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण फॉर्मूला है जो 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन और पे मैट्रिक्स को निर्धारित करने में मदद करता है। इसकी प्राथमिक भूमिका मौजूदा 7वें CPC वेतन को प्रस्तावित 8वें CPC वेतनमान के साथ समायोजित करना होगा। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर पेश किया। इसके परिणामस्वरूप 2016 में कर्मचारियों के लिए औसत वेतन में करीब 14.29% की वृद्धि हुई। फलस्वरूप न्यूनतम वेतनमान 18,000 रुपए निर्धारित किया गया।

महंगाई के अनुरूप सैलरी नहीं

एआईआरएफ ने सरकार पर आरोप लगाया कि कर्मचारियों के साथ बातचीत करने और न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। पत्र में कहा गया है कि सरकार खुद कहती है कि महंगाई औसतन 4% से 7% के बीच है। कोविड के बाद के समय में महंगाई दर कोविड से पहले के स्तर से अधिक है। अगर हम 2016 से 2023 तक दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली आवश्यक वस्तुओं और सामानों की खुदरा कीमतों की तुलना करें तो स्थानीय बाजार के मुताबिक इनमें 80% से अधिक की वृद्धि हुई है, लेकिन हमें 1 जुलाई 2023 तक केवल 46% महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाता है। इसलिए वास्तविक मूल्य वृद्धि और कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किए जाने वाले डीए के बीच एक अंतर है।

तुरंत गठन हो 8वां वेतन आयोग

एआईआरएफ ने कहा कि योग्य और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में आकर्षित करने के लिए अब समय आ गया है कि तुरंत 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाए और आपसी चर्चा और समझौतों के माध्यम से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान,भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित किया जाए। इसलिए कर्मचारी पक्ष मांग करता है कि भारत सरकार तुरंत 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करे।
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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