8th pay commission: अबतक गठित सातों वेतन आयोग का कार्यकाल और सिफारिशें, केंद्रीय कर्मचारियों को क्या-क्या मिला

8th pay commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 16 जनवरी 2025 को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इससे केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। यहां जानिए अबतक केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गठित वेतन आयोग का कार्यकाल और मुख्य सिफारिशें क्या थे।

8th pay commission government employees

जानिए सात वेतन आयोग से कर्मचारियों को क्या लाभ मिले (तस्वीर-Canva)

8th pay commission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 16 जनवरी 2025 को केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। सरकार कदम से केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। गौर हो कि 7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। आमतौर पर हर 10 साल में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन को संशोधित करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। 1947 के बाद से 7 वेतन आयोग का गठन किया गया है। यहां जानिए गठित पहले वेतन आयोग से अब तक के वेतन आयोग का कार्यकाल और उनमें क्या-क्या सिफारिशें हुई थीं।

पहला वेतन आयोग

  • पहले वेतन आयोग का कार्यकाल- मई 1946 से मई 1947
  • चेयरमैन: श्रीनिवास वरदाचार्य
  • भारत की आजादी के बाद वेतन संरचना को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान दिया गया
  • ‘जीविका पारितोषिक’ की अवधारणा पेश।
  • न्यूनतम वेतन: 55 रुपये प्रति माह। अधिकतम वेतन: 2,000 रुपये प्रति माह।
  • लाभार्थी: करीब 15 लाख कर्मचारी
दूसरा वेतन आयोग

  • दूसरे वेतन आयोग का कार्यकाल- अगस्त 1957 से अगस्त 1959
  • चेयरमैन: जगन्नाथ दास
  • अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की लागत को संतुलित करने पर ध्यान दिया गया।
  • न्यूनतम वेतन 80 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई
  • समाजवादी प्रतिरूप को अपनाया गया।
  • लाभार्थी: करीब 25 लाख कर्मचारी।
तीसरा वेतन आयोग

  • तीसरे वेतन आयोग का कार्यकाल- अप्रैल 1970 से मार्च 1973
  • चेयरमैन: रघुबीर दयाल
  • न्यूनतम वेतन 185 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया गया
  • वेतन संरचना में असमानताओं को दूर किया
  • लाभार्थी: करीब 30 लाख कर्मचारी।

चौथा वेतन आयोग

  • चौथे वेतन आयोग का कार्यकाल- सितंबर 1983 से दिसंबर 1986
  • चेयरमैन: पी.एन. सिंघल
  • न्यूनतम वेतन 750 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई।
  • सभी रैंक में वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान दिया गया।
  • प्रदर्शन से जुड़ी वेतन संरचना पेश की गई
  • लाभार्थी: 35 लाख से अधिक कर्मचारी।

पांचवां वेतन आयोग

  • पांचवां वेतन आयोग का कार्यकाल- अप्रैल 1994 से जनवरी 1997
  • चेयरमैन: न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन
  • न्यूनतम वेतन 2,550 रुपये प्रति माह की सिफारिश की गई।
  • वेतनमान की संख्या कम करने का सुझाव दिया
  • सरकारी दफ्तर को आधुनिक बनाने पर ध्यान।
  • लाभार्थी: करीब 40 लाख कर्मचारी

छठा वेतन आयोग

  • छठे वेतन आयोग का कार्यकाल- अक्तूबर 2006 से मार्च 2008
  • चेयरमैन: न्यायमूर्ति बी.एन. श्री कृष्ण
  • ‘पे बैंड’ और ‘ग्रेड पे’ पेश किया गया
  • न्यूनतम वेतन: 7,000 प्रति माह। अधिकतम वेतन: 80,000 रुपये प्रति माह।
  • प्रदर्शन संबंधी प्रोत्साहन पर जोर।
  • लाभार्थी: करीब 60 लाख कर्मचारी

सातवां वेतन आयोग

  • सातवें वेतन आयोग कार्यकाल- फरवरी 2014 से नवंबर 2016
  • चेयरमैन: न्यायमूर्ति ए के माथुर
  • न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाया गया। अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह।
  • ग्रेड पे सिस्टम की जगह नये पे मैट्रिक्स की सिफारिश की गई।
  • भत्तों और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान दिया गया।
  • लाभार्थी: एक करोड़ से अधिक (पेंशनधारक सहित)

वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई की भरपाई के उद्देश्य से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में संशोधन के फार्मूले की भी सिफारिश करता है। राज्य सरकारें भी केंद्रीय वेतन आयोग की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करती हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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