Occupational Shortage Index: नया इंडेक्स हो रहा डेवलप, नौकरियों की डिमांड-सप्लाई के गैप की देगा जानकारी

Occupational Shortage Index: यह सूचकांक व्हाइट और ब्लू कॉलर बिजनेसों दोनों के लिए मांग-आपूर्ति अंतर को मैप करेगा और तय मापदंडों के आधार पर राज्यों को उनके नौकरी बाजार की मजबूती के आधार पर रैंक करने में मदद करेगा।

Occupational Shortage Index

नया इंडेक्स हो रहा डेवलप

मुख्य बातें
  • बन रहा नया इंडेक्स
  • देगा नौकरियों की जानकारी
  • डिमांड-सप्लाई के गैप की मिलेगी जानकारी

Occupational Shortage Index: भारत एक ऐसा इंडेक्स डेवलप करने की योजना बना रहा है जो हर राज्य में मान्यता प्राप्त बिजनेसों में श्रमिकों की मांग और आपूर्ति के अंतर को दर्शाएगा। श्रम और रोजगार मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की सलाह से व्यावसायिक कमी सूचकांक (Occupational Shortage Index) या ओएसआई (OSI) डेवलप कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद लॉन्ग टर्म में श्रम बाजार प्लानिंग और रोजगार के मौके बनाने को सुविधाजनक बनाने के लिए नीतियों को तैयार करना है।

ये भी पढ़ें -

राकेश झुनझुनवाला के राइट हैंड ने खरीदा 123 करोड़ का घर, बाजार का है 'सिकंदर'

पहले किन नौकरियों की होगी मैपिंग

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार यह सूचकांक व्हाइट और ब्लू कॉलर बिजनेसों दोनों के लिए मांग-आपूर्ति अंतर को मैप करेगा और तय मापदंडों के आधार पर राज्यों को उनके नौकरी बाजार की मजबूती के आधार पर रैंक करने में मदद करेगा।

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में, मैनेजरियल पॉजिशंस, हेल्थ प्रोफेशनल्स, सफाईकर्मियों और सहायकों के लिए मैपिंग की जा सकती है। आगे चलकर और अधिक व्यवसायों को जोड़ा जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह भारत के नौकरी बाजार की पूरी तस्वीर दिखाए।

क्या होंगे पैरामीटर

इंडेक्स डेवलप करने के लिए मेन पैरामीटर्स में वेज प्रेशर, एम्प्लॉयमेंट प्रेशर और टैलेंट प्रेशर शामिल हैं, जिसमें वेतन में वृद्धि या कमी, वर्कफोर्स की कमी या अधिकता को दर्शाती है। रोजगार दबाव पैरामीटर के तहत सरकार व्यक्तियों द्वारा काम किए गए घंटों की संख्या में किसी भी वृद्धि या कमी को ट्रैक करेगी, जो उस खास बिजनेस के लिए हाई या लो डिमांड को दर्शाएगा।

इस बीच टैलेंट प्रेशर पैरामीटर किसी बिजनेस में कम योग्य श्रमिकों की हिस्सेदारी को ट्रैक करेगा, जो उस नौकरी में कार्यबल की कमी या अधिकता को दर्शाता है। ओसीआई की कैलकुलेशन करने के लिए इन सब-इंडिकेटर्स को प्रीडिफाइंड वेट्स के आधार पर लीनियरली कम्बाइंड किया जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited