Adani Group: अडाणी समूह की कंपनी ने निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए चुकाया 1,500 करोड़ का कर्ज

Adani group company repays loan:इस कदम को समूह की ओर से निवेशकों का भरोसा कायम करने की नजर से देखा जा रहा है।

ADANI

गौतम अडाणी

तस्वीर साभार : भाषा

अडाणी समूह की कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (एपीएसईजेड) ने 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है। साथ ही कंपनी ने और कर्ज चुकाने का वादा किया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की पिछले महीने आई एक रिपोर्ट में धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयरों में भारी गिरावट आ गई है।

कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि एपीएसईजेड ने एसबीआई म्यूचुअल फंड के बकाया 1,500 रुपये सोमवार को चुका दिए और मार्च में भी कंपनी भुगतान योजना के मुताबिक 1,000 करोड़ रुपये चुकाएगी।

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता' वाली कहावत प्रधानमंत्री के 'पसंदीदा मित्र' गौतम अडाणी पर लागू नहीं होती, क्योंकि आज जमीन, समंदर और आसमान सब उनका है।

राहुल गांधी ने 'मित्रकाल: अडाणी की उड़ान' श्रृंखला के तहत एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा, 'फ़क़ीर' का जादू - झोले से एयरपोर्ट निकाला, अडानी के कब्ज़े में डाला!'

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुंबई समेत देश के छह प्रमुख हवाई अड्डे नियमों को ताक पर रखकर और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके अडाणी समूह को दिए गए। उन्होंने वीडियो में कहा, 'संसद में मैंने सच्चाई बोली। नरेन्द्र मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में सच्चाई बोली। हिंदुस्तान के धन को किस तरह लूटा जा रहा है, उस बारे में सबूत देकर सच्चाई बोली। मेरी टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया।'

राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री द्वारा उन पर निशाना साधने के लिए दुष्यंत कुमार की रचना की दो पंक्तियों का उल्लेख किए जाने को लेकर भी जवाबी प्रहार किया । प्रधानमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा था, 'तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं?'

इसका जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी ने शायद दुष्यंत जी की कविता की ये दो पंक्तियां नहीं पढ़ीं हैं: 'मैं बेपनाह अंधेरे को सुबह कैसे कहूं, मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं।'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं व्यवसाय के खिलाफ नहीं हूं। मैं व्यवसाय के पक्ष में हूं, लेकिन एकाधिकार और 'जादू' के खिलाफ हूं। कौन सा जादू? 609 वें सबसे अमीर से दूसरा सबसे अमीर बनने का जादू ? चार क्षेत्रों से 14 क्षेत्रों में व्यवसाय बढ़ाने का जादू ? और छह हवाई अड्डे हासिल करने का जादू?'

उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, 'कहते हैं कि हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, लेकिन यह बात प्रधानमंत्री के पसंदीदा मित्र पर लागू नहीं होती। यहां जमीन, समंदर और आसमान सब उनका (अडाणी) है।' उन्होंने दावा किया मित्रकाल में हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़क, रक्षा बलों, मीडिया, कोयले, बिजली और पूरी सरकार पर उनका कब्जा है।राहुल गांधी ने कहा, 'एक व्यक्ति जिसके पास हवाई अड्डे संचालित करने का कोई अनुभव नहीं था, उसे छह सबसे प्रमुख हवाई अड्डे सौंप दिए गए।' उन्होंने सवाल किया, 'एक ही व्यक्ति को छह हवाई अड्डे क्यों दिए गए? वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की आपत्तियों को नजरअंदाज क्यों किया गया? राजस्व मॉडल को क्यों बदला और किसने बदला?'

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