Adani Group: अदाणी समूह की 10 में से नौ कंपनियों के शेयरों में तेजी लौटी, दूसरे दिन हिंडनबर्ग का असर नहीं

Adani Group Companies Share: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में सोमवार को गिरावट आई थी।हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था।

अदाणी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक में तेजी

Adani Group Companies Share:अदाणी ग्रुप की सूचीबद्ध 10 कंपनियों में से नौ के शेयरों में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में तेजी लौटी। एक दिन पहले इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी।अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में मंगलवार को तेज उछाल आया और यह छह प्रतिशत चढ़ा। अदाणी टोटल गैस के शेयर में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, एनडीटीवी में 2.56 और अदाणी ग्रीन एनर्जी में 2.55 प्रतिशत की तेजी आई।अदाणी विल्मर का शेयर 2.15 प्रतिशत, एसीसी का 1.93 प्रतिशत, अदाणी पावर का 1.74 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स का एक प्रतिशत और अंबुजा सीमेंट्स का 0.43 प्रतिशत चढ़ा।अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में शुरुआती कारोबार में मामूली गिरावट आई।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद आई थी गिरावट

अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में सोमवार को गिरावट आई थी।हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरपर्सन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं।

सेबी की सफाई

आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च, 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था। ये निवेश सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से ’’ किए गए थे। सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष ‘‘निष्क्रिय’’ हो गए।अदाणी समूह ने भी सेबी प्रमुख के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से इनकार किया है। संपत्ति प्रबंधन इकाई 360वन (जिसे पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट कहा जाता था) ने अलग से बयान में कहा कि बुच तथा उनके पति धवल बुच का आईपीई-प्लस फंड 1 में निवेश कुल निवेश का 1.5 प्रतिशत से भी कम था और उसने अदाणी समूह के शेयरों में कोई निवेश नहीं किया था।

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