Adani Group: अडानी ग्रुप 400 करोड़ रुपये में एयर वर्क्स का करेगा अधिग्रहण, एविएशन सेक्टर में बढ़ेगा दबदबा
Adani Group: अडानी ग्रुप ने कहा कि वह 400 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर विमानों के रखरखाव, मरम्मत एवं देखभाल (MRO) सेवा से जुड़ी कंपनी एयर वर्क्स का अधिग्रहण करेगा। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस अत्याधुनिक रक्षा उत्पादों के डिजाइन, विकास और विनिर्माण से जुड़ी है।



अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड एयर वर्क्स का करेगी अधिग्रहण
Adani Group: अडानी ग्रुप ने सोमवार को कहा कि वह 400 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर विमानों के रखरखाव, मरम्मत एवं देखभाल (MRO) सेवा से जुड़ी कंपनी एयर वर्क्स का अधिग्रहण करेगा। ग्रुप ने एक बयान में कहा कि अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (एडीएसटीएल) ने भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर की एमआरओ कंपनी एयर वर्क्स में 85.8% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। अडानी समूह की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस अत्याधुनिक रक्षा उत्पादों के डिजाइन, विकास और विनिर्माण से जुड़ी है।
ग्रुप ने कहा कि इस अधिग्रहण से रक्षा एमआरओ क्षेत्र में उसकी क्षमताएं बढ़ेंगी और भारत की हवाई रक्षा पारिस्थितिकी में उसकी स्थिति मजबूत होगी। यह रणनीतिक अधिग्रहण अडानी समूह के वृद्धि पथ के लिए महत्वपूर्ण कदम है और इससे नागर विमानन सेवा क्षेत्र में समूह विस्तार कर सकेगा।
एयर वर्क्स की पूरे देश में व्यापक मौजूदगी है। देश के 35 शहरों में फैले परिचालन और 1,300 से अधिक कर्मचारियों वाली एयर वर्क्स को फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग दोनों तरह के विमानों की ‘सर्विसिंग’ में महारत हासिल है।
एयर वर्क्स अपने भारतीय और वैश्विक ग्राहकों को विमानों के रखरखाव, सघन जांच, इंटीरियर के नवीनीकरण, पेंटिंग, पुनर्वितरण से जुड़ी जांच, वैमानिकी के साथ परिसंपत्ति प्रबंधन सेवाओं सहित व्यापक विमानन सेवाएं देती है।
यह कंपनी होसुर, मुंबई और कोच्चि में स्थित अपनी इकाइयों से छोटे आकार वाले एवं टर्बोप्रॉप विमानों के साथ रोटरी विमानों के रखरखाव का काम करती है। इसे दुनिया के 20 से अधिक देशों के नागर विमानन प्राधिकरणों से नियामकीय अनुमोदन मिला हुआ है।
नागर विमानन क्षेत्र में अग्रणी एयर वर्क्स ने सैन्य एमआरओ गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण क्षमताएं विकसित की हैं। इसने भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख मंचों के लिए भी कई परियोजनाओं को अंजाम दिया है।
अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अडानी ने कहा कि भारतीय विमानन उद्योग अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है और आने वाले वर्षों में 1,500 से अधिक विमानों को शामिल करने जा रहा है। यह वृद्धि देश के हर कोने को हवाई संपर्क से जोड़ने के सरकार के नजरिये से मेल खाती है जिससे विमानन सेवाओं में अभूतपूर्व अवसर पैदा होते हैं।
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने बयान में कहा कि यह ऐतिहासिक अधिग्रहण भारत की एमआरओ क्षमताएं बढ़ाने के कंपनी के मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है। हमारा दृष्टिकोण वाणिज्यिक और रक्षा विमानन क्षेत्रों दोनों की जरूरतें पूरी करने के लिए एक व्यापक एमआरओ पेशकश देने का है। (इनपुट भाषा)
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