2000 के नोट वापस लेने का फैसला क्या हुआ, सर्कुलेशन से गायब हो गई 36,492 करोड़ की करेंसी, जानिए पूरा झोल
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार सर्कुलेशन में बकाया करेंसी (Currency In Circulation) या सीआईसी (CIC) 26 मई को 34.4 लाख करोड़ थी, जो हफ्ते भर में 36,492 करोड़ की गिरावट को दर्शाता है।
2000 के नोट वापस लेने से करेंसी सर्कुलेशन में गिरावट
- करेंसी सर्कुलेशन में आई गिरावट
- 26 मई को 34.4 लाख करोड़ करेंसी चलन में
- 2000 के नोट वापस लेने के चलते गिरावट
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार सर्कुलेशन में बकाया करेंसी (Currency In Circulation) या सीआईसी (CIC) 26 मई को 34.4 लाख करोड़ थी, जो हफ्ते भर में 36,492 करोड़ की गिरावट को दर्शाता है। सीआईसी में गिरावट बैंकिंग सिस्टम से पैसे के लीकेज का भी संकेत है। यानी पैसा बैंकों में पहुंच रहा है।
सिस्टम से निकल गए 36000 करोड़
ईटी की रिपोर्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री (Chief Economist) मदन सबनवीस के हवाले से कहा गया है कि रिजर्व मनी और सीआईसी में कमी एक साफ संकेत है कि लगभग 36,000 करोड़ रुपये की राशि ऐसी है जिसे एक्सचेंज किया गया है और सिस्टम से वापस ले लिया गया है।
2000 के कितने थे नोट
सर्कुलेशन में 3.6 लाख करोड़ रु के 2,000 के नोटों में से, जानकारों ने अनुमान लगाया था कि 50,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ की राशि बैंकिंग सिस्टम में आ सकती है। विश्लेषकों के मुताबिक आरबीआई के शुरुआती आंकड़ों को देखते हुए, बैंकिंग सिस्टम में आने वाले पैसों की मात्रा अनुमान लगाई गई लिमिट से अधिक है।
30 सितंबर के बाद भी होंगे लीगल टेंडर
केंद्रीय बैंक ने कहा था कि लोग 23 मई से 30 सितंबर तक बैंकों में 2000 के नोट जमा या बदल सकते हैं। मगर बाद में आरबीआई गवर्नर ने स्पष्ट किया कि 2000 के नोट 30 सितंबर के भी लीगल टेंडर रहेंगे।
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