Go First के बाद इस एयरलाइंस के सामने छाए संकट के बादल, 'सेफ लैंडिंग' के लिए सरकार देगी 300 करोड़

सरकार एक सरकारी एयरलाइन कंपनी में 300 करोड़ रु का निवेश करेगी। ये निवेश किया जाएगा एलायंस एयर में, जो इस समय फाइनेंशियल संकट से गुजर रही है। कंपनी को इस राशि से मदद मिलेगी।

Alliance Air To Get Fund From Govt

सरकार करेगी एलायंस एयर की मदद

मुख्य बातें
  • सरकार करेगी एलायंस एयर में निवेश
  • एलायंस एयर को सरकार से मिलेंगे 300 करोड़
  • फाइनेंशियल संकट से गुजर रही है एलायंस एयर

Alliance Air To Get Fund From Govt : गो फर्स्ट संकट (Go First Crisis) के बीच एक एयरलाइन को सरकार से 300 करोड़ रु मिलेंगे। सरकार एलायंस एयर (Alliance Air) में 300 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करेगी, जो कि इस समय फाइनेंशियल संकट में है।

एयर इंडिया का थी हिस्सा

सरकारी निवेश की जानकारी पीटीआई की एक रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से दी गई है। बता दें कि एलायंस एयर, जो पहले एयर इंडिया (Air India) का हिस्सा थी, इस समय एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) की ओनरशिप में है। AIAHL केंद्र सरकार का स्पेशल-पर्पस व्हीकल है।

सरकार के कदम से एयरलाइन को अपने फाइेंशियल संकट के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। एलायंस एयर भी इस समय फाइनेंशियल संकट का सामना कर रही है।

एलायंस एयर की होनी है बिक्री

सरकार एलायंस एयर की बिक्री करेगी। ये एयरलाइन विनिवेश की जाने वाली कंपनियों की लिस्ट में शामिल है। एलायंस एयर रोज 130 फ्लाइट्स डेली ऑपरेट करती है। कंपनी के सामने हाल के समय में जो दिक्कतें आई हैं, उनमें सैलेरी कोविड से पहले के स्तर पर न पहुंचाने के कारण पायलटों द्वारा हड़ताल शामिल है। एयरलाइन उनके अलाउंस भी नहीं दे रही है।

2000 करोड़ है अथॉराइज्ड कैपिटल

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वित्त मंत्रालय ने एलायंस एयर में 300 करोड़ रुपये का निवेश करने की मंजूरी दी है। 'एलायंस एयर' ब्रांड के तहत उड़ानों को एयरलाइन एलाइड सर्विसेज ऑपरेट करती है, जिसने अपना नाम एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड कर लिया है।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, कंपनी की अथॉराइज्ड कैपिटल 2,000 करोड़ रुपये है और पेड-अप कैपिटल 402.25 करोड़ रुपये है।

घाटे में है कंपनी

एलायंस एयर, जिसका घाटा वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 447.76 करोड़ रुपये हो गया, इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है। मार्च 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष में इसका नकद घाटा बढ़कर 224.18 करोड़ रुपये हो गया।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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