Agri Labour Inflation: कृषि श्रमिकों की महंगाई बढ़ी, खाने-पीने की चीजों सबसे ज्यादा महंगी

Agri Labour Inflation: नवंबर में चावल, गेहूं का आटा, दाल जैसे खाने का समान महंगा होने से कृषि श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 7.37 प्रतिशत हो गई।

कृषि श्रमिकों का बुरा हाल

Agri Labour Inflation:महंगाई का असर कृषि क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों पर भी पड़ रहा है। और उनके रोज-मर्रा की जरूरतों पर असर हो रहा है। नवंबर में चावल, गेहूं का आटा, दाल जैसे खाने का समान महंगा होने से कृषि श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 7.37 प्रतिशत हो गई। वहीं ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह 7.13 प्रतिशत रही।अक्टूबर में कृषि श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति 7.08 प्रतिशत और ग्रामीण श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति 6.92 प्रतिशत थी। वहीं अगर खाने-पीने की महंगाई देखी जाय तो वह सामान्य से ज्यादा बढ़ी है।

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क्यों बढ़ रही है महंगाई

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इस साल नवंबर में कृषि श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 12 अंक बढ़कर 1,253 अंक हो गया, जबकि ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह 11 अंक बढ़कर 1,262 अंक रहा। इस साल अक्टूबर में दोनों सूचकांक क्रमश: 1,241 अंक और 1,251 अंक थे। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में वृद्धि में प्रमुख योगदान क्रमशः 10.85 और 10.50 अंक की सीमा तक खाद्य पदार्थों का रहा। चावल, गेहूं आटा, दालें, प्याज, हल्दी, लहसुन, मिश्रित मसाले आदि की कीमतों में वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही।

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