अमित शाह ने बैंकों को दिया आदेश, पूर्वोत्तर के लिए अलग से तैयार करें वित्तीय दिशानिर्देश
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर अगले 10 वर्षों में 20 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर से विकसित होगा। उन्होंने कहा, "आपको यह ध्यान में रखना होगा और कुछ जोखिम उठाने होंगे। पूर्वोत्तर के लोगों और इसकी जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए अपनी वित्तीय नीति को थोड़ा सरल बनाएं।"
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सभी बैंकों से पूर्वोत्तर के लोगों और वहां की जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए वहां के लिए अलग वित्तीय दिशानिर्देश तैयार करने को कहा, ताकि इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो सके। यहां ‘बैंकर्स कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्वोत्तर के विकास की जिम्मेदारी वहन करने को भी कहा। शाह ने कहा, "क्या रिजर्व बैंक, नाबार्ड और अन्य बैंकों द्वारा एमएसएमई, व्यवसाय, ऋण, व्यक्तिगत ऋण के संबंध में तैयार किये गये दिशानिर्देश देश के बाकी हिस्सों और पूर्वोत्तर के लिए भी एक जैसे होने चाहिए? यह कैसे संभव है। पूर्वोत्तर के लिए बैंकिंग दिशानिर्देश एक जैसे नहीं हो सकते।’’ उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर के लिए नए मापदंडों के साथ अलग वित्तीय दिशानिर्देश तैयार करना आवश्यक है। बैंकिंग सचिव, नाबार्ड के अध्यक्ष और एसबीआई को पूर्वोत्तर के लोगों और इसकी जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए विशेष वित्तीय दिशानिर्देश बनाने चाहिए।" उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अब निवेश और विनिर्माण के लिए सबसे आकर्षक स्थान है। उन्होंने कहा कि भविष्य के कारोबार के लिए बैंकों को कहीं न कहीं निवेश करना होगा और पूर्वोत्तर को छोड़कर कोई अन्य स्थान भविष्य के कारोबार के लिए सबसे अच्छी जगह नहीं है।
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर अगले 10 वर्षों में 20 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर से विकसित होगा। उन्होंने कहा, "आपको यह ध्यान में रखना होगा और कुछ जोखिम उठाने होंगे। पूर्वोत्तर के लोगों और इसकी जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए अपनी वित्तीय नीति को थोड़ा सरल बनाएं।" गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के सभी "बैंकिंग रहित" गांवों को बैंकों और डाकघरों की शाखाओं से जोड़ा जाना चाहिए और सभी डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) भ्रष्टाचार के बिना लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर में विकास बैंकिंग के माध्यम से पहुंचना चाहिए।"
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में अधिकतम संभावनाएं हैं और जरूरत है कि पूर्वोत्तर को आंकड़ों के जरिए नहीं बल्कि संवेदनशीलता के साथ देखा जाए। उन्होंने कहा, "सभी बैंकों और उद्यम पूंजीपतियों को पूर्वोत्तर के विकास के लिए अपना सहयोग देना चाहिए। वे पूर्वोत्तर के विकास को अपनी जिम्मेदारी समझें।" गृह मंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करके पूर्वोत्तर में वाणिज्य और उद्योगों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर भारत आर्थिक विकास का प्रवेश द्वार बनेगा और नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। यह क्षेत्र न केवल भारत के विकास का प्रवेशद्वार बनेगा, बल्कि पूरे देश के लिए विश्वास का पुल भी बनेगा।" उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को निर्यात का प्रमुख प्रवेशद्वार बनाने के लिए भी काम किया जा रहा है।
शाह ने कहा कि कुछ साल पहले बांग्लादेश के साथ परिक्षेत्रों के आदान-प्रदान के बाद भारत के जलमार्ग बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह से जुड़ गए हैं और चटगांव बंदरगाह के माध्यम से पूर्वोत्तर के सभी उत्पादों को वैश्विक बाजारों में निर्यात किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "पूर्वोत्तर में बहुत संभावनाएं हैं। आज पूर्वोत्तर में आप जो भी उत्पादन करते हैं, चटगांव बंदरगाह के माध्यम से वैश्विक बाजार के लिए उसके दरवाजे खुले हैं।" गृह मंत्री ने कहा कि 140 करोड़ लोगों वाले देश के हर कोने में विकास होना चाहिए। सम्मेलन में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उनके त्रिपुरा समकक्ष माणिक साहा और बैंकिंग क्षेत्र के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए।
(इनपुट-भाषा)
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