Amrapali Group Project: नोएडा में आम्रपाली के 10 हजार फ्लैट तैयार, फिर क्यों नहीं मिल पा रहा पजेशन
Amrapali Group Project: प्रॉजेक्ट्स में 38 हजार बायर्स को फ्लैट दिए जाने हैं। जिनमें से करीब 1500 बायर्स को डिफाल्टर लिस्ट में डाल दिया गया है। लोगों की परेशानी यह है कि जो डिफॉल्टर नहीं हैं, उनके फ्लैट भी हैंडओवर किए जाने की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि कई लोग दो-तीन साल से चक्कर काट रहे हैं।
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आम्रपाली के प्रॉजेक्ट
Amrapali Group Project: आम्रपाली के प्रॉजेक्टों में साढ़े चार साल में केवल 5 हजार लोगों को ही फ्लैट मिले हैं। वहीं इस समय 10 हजार फ्लैट बनकर तैयार हो चुके हैं लेकिन लोगों को मिल नहीं पा रहे हैं। जिनके फ्लैट हैं वे धक्के खा रहे हैं। बायर्स डॉक्युमेंट लेकर बार-बार कोर्ट रिसीवर के ऑफिसों में चक्कर काट रहे हैं। और उनकी फाइल एक से दूसरी टेबल पर घूम रही है। प्रॉजेक्ट्स में 38 हजार बायर्स को फ्लैट दिए जाने हैं। जिनमें से करीब 1500 बायर्स को डिफाल्टर लिस्ट में डाल दिया गया है। लोगों की परेशानी यह है कि जो डिफॉल्टर नहीं हैं, उनके फ्लैट भी हैंडओवर किए जाने की प्रक्रिया इतनी कठिन है कि कई लोग दो-तीन साल से चक्कर काट रहे हैं। जिनके मामलों में विवाद है, उनका भी समाधान नहीं हो पा रहा है।
कोर्ट रिसीवर की जिम्मेदारी
23 जुलाई 2019 को आम्रपाली के प्रॉजेक्टों को पूरा कराने के लिए कोर्ट रिसीवर को जिम्मेदारी मिली थी। कोर्ट रिसीवर की देखरेख में एनबीसीसी को 38 हजार फ्लैट तैयार करके 3 साल में देने थे। लेकिन साढ़े चार साल होने के बाद भी केवल 15 हजार फ्लैट ही मिल पाए हैं। इसके अलावा हैंडओवर की बात करें तो केवल 5 हजार फ्लैट 31 दिसंबर तक हैंडओवर हुए हैं। बाकी 10 हजार फ्लैट बनने के बाद ही यूं ही पड़े हुए हैं।
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