Amul vs Nandini : अमूल 77 साल तो नंदिनी 50 साल से डेली पहुंचा रहे हैं दूध, जानें फिर क्यों छिड़ गई लड़ाई

कर्नाटक में चुनावों से पहले डेयरी प्रोडक्ट्स अमूल और नंदिनी राजनीतिक विवाद हो गया है। इनमें एक देश का प्रमुख डेयरी ब्रांड है तो दूसरा कर्नाटक में खास पहचान रखता है। दोनों के पास अच्छा-खासा बिजनेस नेटवर्क है।

अमूल और नंदिनी ब्रांड्स राजनीतिक लड़ाई के बीच में हैं

मुख्य बातें
  • अमूल करीब 77 साल पुरानी कंपनी है
  • नंदिनी को 1974-75 में शुरू किया गया था
  • दोनों ब्रांड्स को लेकर राजनीतिक लड़ाई चल रही है

Amul vs Nandini : कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां हर मुद्दे को भुनाने में लगी हुई है। इसी बीच प्रमुख डेयरी प्रोडक्ट ब्रांड्स अमूल और नंदिनी भी राजनीतिक लड़ाई के बीच में आ गये हैं। दरअसल अमूल ने ऐलान किया है कि यह बैंगलोर में एंट्री करेगी। पर कर्नाटक कांग्रेस ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार राज्य के नंदिनी ब्रांड को बंद कराना चाहती है, जो राज्य के किसानों के लिए बहुत अहम है। इस पूरे विवाद में कारोबार की दुनिया में कहां खड़े हैं अमूल और नंदिनी ब्रांड्स, आगे जानिए।

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77 साल पुराना है अमूल

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अमूल की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार अमूल की शुरुआत स्वतंत्रता आंदोलन से प्रभावित होकर 1946 में बिचौलियों द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ एक विरोध के सिम्बल के तौर पर हुई थी। तब गुजरात के लोकल ट्रेड कार्टेल किसानों का शोषण कर रहे थे। इससे नाराज होकर किसानों ने समाधान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल से संपर्क किया। उन्होंने किसानों को बिचौलियों से छुटकारा पाने और अपनी सहकारी समिति बनाने की सलाह दी, जो उनके जरिए ही खरीद, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग करे।

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