‘मेरी पत्नी खूबसूरत हैं, मुझे उन्हें निहारना अच्छा लगता है’, वर्क लाइफ बैलेंस पर बोले आनंद महिंद्रा

बिजनेस लीडर ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं नारायण मूर्ति और दूसरे कॉर्पोरेट लीडर्स का बहुत सम्मान करता हूं। मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर।” उन्होंने कहा ‘मैं सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेला हूं। मेरी बीवी बेहतरीन हैं और मुझे उन्हें निहारना पसंद है।”

‘मेरी बीवी बेहतरीन हैं, मुझे उन्हें निहारना अच्छा लगता है’: आनंद महिंद्रा

Anand Mahindra: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को कहा कि ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी 'काम की गुणवत्ता' है न कि 'काम की मात्रा'। उन्होंने देश के टॉप कॉर्पोरेट लीडर्स द्वारा शुरू किए गए वर्क आवर बैलेंस पर चल रही बहस पर बात की। राष्ट्रीय राजधानी में 'विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025' कार्यक्रम में बोलते हुए, महिंद्रा ने खचाखच भरे सदन में कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है। बिजनेस लीडर ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं नारायण मूर्ति और दूसरे कॉर्पोरेट लीडर्स का बहुत सम्मान करता हूं। मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर। इसलिए यह 70 या 90 घंटे काम करने के बारे में नहीं है।”

काम की गुणवत्ता जरूरी है

आनंद महिंद्रा ने आगे कहा कि यह काम के आउटपुट पर निर्भर करता है और "आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं।" जब उनसे पूछा गया कि वे काम पर कितने घंटे लगाते हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि यह समय के बारे में हो। मैं नहीं चाहता कि यह मात्रा के बारे में हो। मुझसे पूछें कि मेरे काम की गुणवत्ता क्या है। मुझसे यह न पूछें कि मैं कितने घंटे काम करता हूं।" उनकी सोशल मीडिया प्रेजेंस के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ‘मैं सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेला हूं। मेरी पत्नी खूबसूरत हैं और मुझे उन्हें निहारना पसंद है। मैं यहां दोस्त बनाने के लिए नहीं हूं, मैं यहां हूं क्योंकि सोशल मीडिया एक जबरदस्त बिजनेस टूल है।’

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