मूंगफली के दाने के बराबर है इस भारतीय अरबपति के लिए 8000 करोड़, जानें फिर क्यों छाया है संकट

Vedanta Debt Crisis: रेटिंग एजेंसी S&P ने 3 अप्रैल को बताया था कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड को मौजूदा वित्त वर्ष (2023-24) में ब्याज सहित तीन अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। इसके अलावा मार्च, 2024 तक कम से कम एक अरब डॉलर के अन्य देनदारियां भी होंगे, जिसके लिए कंपनी को पूंजी की जरुरत है।

वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल

Vedanta Debt Crisis: वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल इस समय कंपनी के कर्ज को लेकर चर्चा में हैं। समूह के ऊपर ब्याज सहित 3 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने का भारी दबाव है। और उसके लिए समूह कर्ज चुकाने के रास्ते तलाश रहा है। जिसमें वह फंड जुटाने से लेकर हिस्सेदारी बेचने तक के संभावनाए तलाश रहा है। हालांकि इस बीच समूह के चेयरमैन एक इंटरव्यू में यह दावा कर चुके हैं कि कंपनी के ऊपर नकदी का कोई संकट नही है। और वह आसानी से कर्ज चुका सकेंगे। अनिल अग्रवाल भारत के उन अरबपतियों में शामिल हैं, जिन्होंने जीरो से कामयाबी की सीढ़ी चुनी है। और शायद यही वह भरोसा है कि अनिल अग्रवाल यह आसानी से दावा करते हैं कि कंपनी के कर्ज को लेकर कोई संकट नहीं है। और वह आसानी से अपने कर्ज चुका लेगी।
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3 अरब डॉलर का चुकाना है कर्ज
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रेटिंग एजेंसी S&P ने 3 अप्रैल को बताया था कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड को मौजूदा वित्त वर्ष (2023-24) में ब्याज सहित तीन अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। इसके अलावा मार्च, 2024 तक कम से कम एक अरब डॉलर के अन्य देनदारियां भी होंगे, जिसके लिए कंपनी को पूंजी की जरुरत है। इस बीच इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार वेदांता पूंजी जुटाने के लिए खाड़ी देशों के फंड से संभावना तलाश रही है।
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