Reliance Capital:अनिल अंबानी की डूबी कंपनी पर घमासान, कर्जदाताओं ने IIHL को दी चेतावनी

Reliance Capital: हिंदुजा समूह की इकाई इंडसइंड इंटरनेशनल को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। एनसीएलटी के 23 जुलाई के आदेश के मुताबिक, सफल बोलीदाता को 31 जुलाई, 2024 तक कुछ शर्तों का पालन करना था। इन शर्तों में किसी तीसरे पक्ष के (एस्क्रो) खाते में 250 करोड़ रुपये जमा कराना शामिल है।

Reliance Capital

रिलायंस कैपिटल।

Reliance Capital:कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (RCP) के ऋणदाताओं ने हिंदुजा समूह की इकाई इंडसइंड इंटरनेशनल को सुधारात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है क्योंकि वह एनसीएलटी द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन नहीं कर पाई है। इन शर्तों में किसी तीसरे पक्ष के (एस्क्रो) खाते में 250 करोड़ रुपये जमा कराना भी शामिल है।हालांकि, इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उसने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश का पालन करते हुए दिवाला समाधान कार्यवाही के तहत पहले ही 2,750 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।रिलायंस कैपिटल के लिए सफल बोली लगाने वाली आईआईएचएल ने बयान में कहा कि उसने अपने इक्विटी योगदान के लिए बैंक खातों में 2,750 करोड़ रुपये की पूंजी जमा कर दी है।

क्या है मामला

एनसीएलटी के 23 जुलाई के आदेश के मुताबिक, सफल बोलीदाता को 31 जुलाई, 2024 तक कुछ शर्तों का पालन करना था।

इन शर्तों में 31 जुलाई तक घरेलू एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये की प्रारंभिक इक्विटी राशि और ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के अपतटीय एस्क्रो खाते में 2,500 करोड़ रुपये जमा करना शामिल था। आईआईएचएल 31 जुलाई की समय सीमा को पूरा करने में विफल रहा।एक अगस्त को सीओसी की ओर से कार्यरत ट्रस्ट विस्तारा आईटीसीएल ने आईआईएचएल को एक पत्र लिखा कि उसने एनसीएलटी के आदेश का पालन नहीं किया है लिहाजा ऋणदाताओं के पास अपने अधिकार और उपचार सुरक्षित हैं। हिंदुजा समूह की कंपनी को एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने कुछ शर्तों के अधीन 10 अगस्त तक विस्तार दिया है।

7300 करोड़ का क्या है मुद्दा

बयान के अनुसार, इस आशय का हलफनामा बैंक प्रमाणपत्रों के साथ 31 जुलाई, 2024 को एनसीएलटी में दाखिल किया गया है। इसकी एक प्रति लेनदारों की समिति (सीओसी) और प्रशासक को दी गई है। हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आईआईएचएल ने 7,300 करोड़ रुपये के लिए बाध्यकारी प्रतिबद्धता पत्र प्राप्त किए हैं और टर्म शीट निष्पादित की हैं।बयान के मुताबिक, इस साल 27 फरवरी को समाधान योजना को मंजूरी देने वाले मूल आदेश में सीओसी और प्रशासक को कुछ निश्चित कार्यों और शर्तों को पूरा करने की जरूरत थी, जिसके लिए 29 जुलाई को उनके साथ एक बैठक की गई।बयान में कहा गया है कि इन कार्यों और अनुपालनों को अभी भी पूरा किया जाना बाकी है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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