Debt On RCom: अनिल अंबानी की RCom पर 71000 करोड़ रु का कर्ज, कहीं 'अच्छे दिन' की राह न बन जाए रोड़ा
Debt On RCom: रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपनी फाइलिंग में कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड इस समय दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 ("कोड") के प्रावधानों के अनुसार कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
अनिल अंबानी की वर्तमान कुल संपत्ति कितनी है?
- अनिल अंबानी की RCom पर भारी कर्ज
- 71000 करोड़ रु का कर्ज बाकी
- दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही कंपनी
Debt On RCom: अनिल अंबानी की वे कंपनियां जो संकट में हैं, उनमें रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) भी शामिल है। इसने शनिवार 4 अक्टूबर को जानकारी दी कंपनी पर कितना कर्ज है। आरकॉम के अनुसार 30 सितंबर तक इस पर 40,413 करोड़ रुपये का कुल कर्ज है। इसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों डेट शामिल हैं। हालांकि, इस कुल कर्ज में बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस से लिए डेट पर 27,867 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल नहीं है और न ही इसमें नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) पर 3,151 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है। अगर इन्हें भी जोड़ लिया जाए तो कंपनी को 71431 करोड़ रु अदा करने हैं। वैसे अनिल की रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपना कर्ज बड़े पैमाने पर घटाया है।
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दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है रिलायंस कम्युनिकेशंस
कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड इस समय दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 ("कोड") के प्रावधानों के अनुसार कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। इसलिए, आरकॉम के लोन की अदायगी कानून के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी।
भाई मुकेश से लगा था झटका
रिलायंस कम्युनिकेशंस का कंट्रोल अनिल अंबानी के पास है, जो 2008 में 42 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ दुनिया के 6वें सबसे अमीर व्यक्ति थे। उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस कभी भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर थी।
हालाँकि, अनिल के भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो द्वारा शुरू किए गए प्राइस वॉर के कारण आरकॉम वित्तीय संकट में पहुंच गई। एक समय इसका शेयर करीब 800 रु पर था, जो अब 2.24 रु पर रह गया है।
भाई ने ही की थी मदद
अलग-अलग सेक्टरों में डायवर्सिफिकेशन लाने के अपने प्रयासों के बावजूद, अनिल अंबानी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें संभावित जेल की चेतावनी दी थी, क्योंकि रिलायंस कम्युनिकेशंस एरिक्सन एबी की भारतीय इकाई को 550 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रही थी।
अदालत ने उन्हें पैसा जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया, और तब उनके भाई मुकेश अंबानी ने जरूरी सपोर्ट देकर अंतिम समय में उनकी मदद की।
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