कौन हैं अंकिती बोस, जिसने खुद ही बढ़ा ली 10 गुना सैलरी, कर दिया 820 करोड़ का मुकदमा
Ankiti Bose,Zilingo: फैशन क्षेत्र की टेक फर्म जिलिंगो की भारतीय मूल की को-फाउंडर अंकिती बोस कंपनी के बोर्ड की मंजूरी के बिना ही खुद की सैलरी 10 गुना बढ़ा ली है।
फैशन क्षेत्र की टेक फर्म जिलिंगो की भारतीय मूल की को-फाउंडर अंकिती बोस।
Ankiti Bose,Zilingo: फैशन क्षेत्र की टेक फर्म जिलिंगो (Zilingo) की भारतीय मूल की को-फाउंडर अंकिती बोस (Ankiti Bose) कंपनी के बोर्ड की मंजूरी के बिना ही खुद की सैलरी 10 गुना बढ़ा ली थी। Inc42 की रिपोर्ट के मुताबिक उनका वेतन 2017 में 5,500 सिंगापुर डॉलर (SGD) करीब 3,37,658 रुपये के मुकाबले 2019 में 58,900 SGD करीब 36,16,614 रुपये (10 गुना से अधिक) हो गया था। हाल ही में इन पर कंपनी में वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद पिछले साल इन्हें सीईओ के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।संबंधित खबरें
Inc42 की ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब 31 वर्षीय बोस ने अवैध रूप से एक स्टार्ट-अप से पैसा लेने का आरोप लगाने के लिए निवेशक महेश मूर्ति के खिलाफ 100 मिलियन डॉलर (लगभग 820 करोड़ रुपये) का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। मुंबई में पली-बढ़ी अंकिती बोस ने सीईओ के रूप में अपनी बर्खास्तगी को "विच हंट" बताया था जिसे अपने और अपने परिवार के लिए खतरा बताया था।संबंधित खबरें
कई सहकर्मियों के भी बढ़ाए वेतनसंबंधित खबरें
2017 और 2019 के बीच, बोस ने कथित तौर पर खुद को, को-फाउंडर ध्रुव कपूर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आदि वैद्य (Aadi Vaidya) के भी वेतन वृद्धि की थी। रिपोर्ट के अनुसार, उनका वेतन 2017 में 5,500 सिंगापुर डॉलर (SGD) के मुकाबले 2019 में 58,900 SGD (10 गुना से अधिक) हो गया। जबकि कपूर का वेतन 3 गुना बढ़ा और वैद्य का वेतन इस अवधि में 7 गुना बढ़ा। सिकोइया कैपिटल इंडिया और टेमासेक होल्डिंग्स पीटीई द्वारा समर्थित ज़िलिंगो ने पिछले साल मई में कहा था कि फर्म के खातों में कथित विसंगतियों को लेकर बोस को निलंबित करने का निर्णय बोर्ड किसी व्यक्तिगत निवेशक ने नहीं बल्कि संयुक्त रूप से लिया गया था। संबंधित खबरें
23 साल की उम्र में शुरू किया था स्टार्टअप्ससंबंधित खबरें
ज़िलिंगो, बी2बी स्टार्ट-अप फैशन रिटेल सेलर्स को बल्क ऑर्डर के रूप में सप्लाई के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है। जिलिंगो दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे प्रसिद्ध स्टार्टअप्स में से एक रहा है। सिकोइया कैपिटल इंडिया के दक्षिण पूर्व एशिया में प्रमुख निवेशों में से एक ज़िलिंगो ने पिछले साल अप्रैल में 226 मिलियन डॉलर जुटाकर यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश किया था। जिलिंगो की स्थापना अंकिती बोस और ध्रुव कपूर ने 2015 में दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के छोटे व्यवसायों को अपना सामान ऑनलाइन बेचने में मदद करने के लिए की थी। बोस सिर्फ 23 साल की थीं जब उन्होंने कंपनी की सह-स्थापना की थी। 2019 में, जब ज़िलिंगो ने सिकोइया और टेमासेक सहित निवेशकों से 226 मिलियन डॉलर जुटाए, तो बोस ने दक्षिण पूर्व एशिया के लिए अच्छा साबित हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी का वैल्यूएशन 970 मिलियन डॉलर हो गया था और तब वह केवल 27 साल की थीं।संबंधित खबरें
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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