अनिल अंबानी के हाथ से जाने वाली है एक और कंपनी, अब लगा रिलायंस इनोवेंचर्स का नंबर

Reliance Innoventures Insolvency Proceedings: जेसी फ्लावर एसेट रिकंस्ट्रक्शन ने दिसंबर 2022 में यस बैंक का 48,000 करोड़ रु का बैड लोन खरीदा था। ईटी की रिपोर्ट में अदालत के दस्तावेजों के हवाले से बताया गया है कि 2015 और 2017 में अंबानी की कंपनी को बैंक द्वारा दिया गया लोन जेसी फ्लावर को मिला था।

Reliance Innoventures Insolvency

रिलायंस इनोवेंचर्स दिवालिया

मुख्य बातें
  • अनिल अंबानी की एक और कंपनी होगी दिवालिया
  • इस बार लगा है रिलायंस इनोवेंचर्स
  • एनसीएलटी ने किया दिवालिया प्रोसीडिंग्स के लिए एडमिट

Reliance Innoventures Insolvency Proceedings: अनिल अंबानी (Anil Ambani) के हाथ से एक और कंपनी कंपनी निकलने वाली है। इस बार रिलायंस इनोवेंचर्स (Reliance Innoventures) का नंबर लगा है। रिलायंस इनोवेंचर्स को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने दिवाला कार्यवाही (Insolvency Proceedings) के लिए एडमिट कर लिया है। न्यूयॉर्क स्थित फाइनेंसर जेसी फ्लावर्स (JC Flowers) ने कोर्ट को अप्रोच किया था, जिसमें दावा किया गया था कि कंपनी अपना डेब्ट चुकाने पर चूक गई।

ये भी पढ़ें - करोड़ों किसानों की होने वाली है बल्ले-बल्ले, जल्द मिलने वाला है पीएम किसान का पैसा, जानें आपको मिलेगा या नहीं

ये है पूरा मामला

जेसी फ्लावर एसेट रिकंस्ट्रक्शन ने दिसंबर 2022 में यस बैंक का 48,000 करोड़ रु का बैड लोन खरीदा था। ईटी की रिपोर्ट में अदालत के दस्तावेजों के हवाले से बताया गया है कि 2015 और 2017 में अंबानी की कंपनी को बैंक द्वारा दिया गया लोन जेसी फ्लावर को मिला था।

कितने करोड़ पर चूकी रिलायंस इनोवेंचर्स

दस्तावेजों के अनुसार यस बैंक ने 1,000 करोड़ रु के रिलायंस इनोवेंचर्स के टर्म लोन और नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर जेसी फ्लावर्स को सौंपे थे। जेसी फ्लावर्स का दावा है कि अंबानी की कंपनी 100 करोड़ रु के ब्याज के भुगतान में चूक गई।

रिलायंस इनोवेंचर्स ने एनसीएलटी में जेसी फ्लावर्स के दावे का विरोध किया और दावा किया कि ये किसी पेमेंट पर नहीं चूकी। अनिल अंबानी की कंपनी ने दावा किया कि फाइनेंसर को दिए गए कोलेट्रोल की वैल्यू इसके बकाया लोन्स को कवर करने के लिए आउटस्टैंडिंग डेब्ट से अधिक थी।

शेयरों पर पड़ा असर

रिलायंस इनोवेंचर्स ने दावा किया कि लेनदार ने रिलायंस समूह (Reliance Group) की चार कंपनियों के शेयरों की असमय बिक्री की, जिससे इसकी कंपनियों के शेयर की कीमतों में अस्थिरता पैदा हो गई। होल्डिंग कंपनी द्वारा लिया गया लोन 2019 में शेयरों की बिक्री से ठीक 12 महीने पहले 2,598 करोड़ रुपये का था। जेसी फ्लावर्स द्वारा यस बैंक के बैड लोन पोर्टफोलियो को खरीदने से पहले शेयरों को यस बैंक ने 142 करोड़ रुपये में बेच दिया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited