अपोलो टायर के चेयरमैन ओंकार सिंह कंवर।
Apollo Tyres Success Story: हम आपको एक ऐसी कंपनी के बारे में बता रहे हैं जिसके मालिक 1977 में आज की हजारों करोड़ की कंपनी घाटे की वजह से सिर्फ 1 रुपये में बेचना चाहते थे। उस कंपनी का नाम अपोलो टायर है। जिसका आज मार्केट कैप 31 हजार करोड़ रुपये है। यह राष्ट्रीयकरण वाले दौर की बात है जब कोका-कोला और आईबीएम जैसी कई कंपनियाँ संकट में पड़ गईं और अपोलो भी इससे अछूती नहीं रही। अपोलो फैक्टरी यूनियन भी चाहती थी कि कंपनी का राष्ट्रीयकरण हो। लेकिन अपोलो टायर फाउंडर रौनक सिंह ने केस लड़ा और ऐसा नही होने दिया।
क्यों 1 रुपये में बेचना चाहते थे Apollo Tyres
वह कंपनी को बहाल करने में कामयाब रहे लेकिन भारी घाटे में चले गए ऐसे में उन्होंने एक बार इसे अपने बेटे को 1 रुपये में बेचने की बात कही थी। आज उनके बेटे ओंकार सिंह कंवर अपने पिता की विरासत को संभाल रहे हैं और वह कंपनी के चेयरमैन हैं। ओंकार सिंह कंवर, जब कंपनी घाटे में थी तब वह इसे हिंदुस्तान लीवर और नेस्ले जैसी कंपनी बनाना चाहते थे। अपोलो टायर्स लिमिटेड की स्थापना 1972 में हुई थी और आज यह टायरों के निर्माण और बिक्री के बिजनेस में एक विश्वसनीय नाम बना हुआ है। आज कंपनी का मार्केट कैप 31099 करोड़ रुपये है।
एसयूवी टायर से बाइक तक के टायर बनाती है Apollo Tyres
अपोलो टायर्स लिमिटेड एक अंतरराष्ट्रीय टायर निर्माता और भारत में अग्रणी टायर ब्रांड है। कंपनी की कुल छह विनिर्माण इकाइयाँ हैं। जिनमें भारत में 4 और नीदरलैंड और हंगरी में 1-1 शामिल हैं। भारत का पांचवां और वैश्विक स्तर पर सातवां केंद्र आंध्र प्रदेश में बन रहा है। अपोलो टायर्स ब्रांड की 5,000 से अधिक अधिकृत डीलरशिप हैं, जिनमें देश भर में 2,500 से अधिक विशिष्ट अपोलो टायर दुकानें शामिल हैं। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक अपोलो टायर अपने उत्पादों को अपने दो वैश्विक ब्रांडों अपोलो और व्रेडेस्टीन के तहत मार्केटिंग करती है कंपनी के उत्पाद पोर्टफोलियो में यात्री कार, एसयूवी, एमयूवी, हल्के ट्रक, ट्रक-बस, दोपहिया, कृषि, औद्योगिक, विशेष, साइकिल और ऑफ-द-रोड टायर और रीट्रेडिंग सामग्री और टायर की पूरी सीरीज शामिल है। भारत के गुड़गांव में मुख्यालय वाली कंपनी का कारोबार 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और यह वैश्विक टॉप 20 टायर निर्माताओं में से एक है। अपोलो टायर्स को हाल ही में एशिया और यूरोप दोनों में 'काम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनी' के रूप में मान्यता दी गई है
अपोलो टायर्स के MD ओंकार सिंह कंवर के बारे में
ओंकार सिंह कंवर अपोलो टायर्स के को-फाउंडर रौनक सिंह के सबसे बड़े बेटे हैं। पाकिस्तान के सियालकोट में पैदा हुए ओंकार सिंह, भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान परिवार के साथ भारत आ गए थे। बंटवारे में अपना सबकुछ पाकिस्तान में छोड़कर हिंदुस्तान पहुंचे ओंकार सिंह के परिवार के लिए शुरुआत करना इतना आसान नहीं था। उनके पिता ने देश में पाइप का बिजनेस शुरू किया। स्कूली पढ़ाई करने के बाद ओंकार कंवर हायर स्टडी के लिए अमेरिका चले गए। अमेरिका में पढ़ाई और नौकरी करने के बाद, ओंकार सिंह 1964 में भारत वापस लौटे और अपने फैमिली बिजनेस में शामिल हो गए। कुछ सालों के बाद, परिवार ने व्यवसाय का विस्तार करने और टायर निर्माण में उतरने का फैसला लिया और अपोलो टायर्स की नींव रखी गई।