Apple Awas Yojana: Apple भारत में देगी घर, इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
Apple Awas Yojana: कंस्ट्रक्शन और घरों को सौंपने का काम 31 मार्च, 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इस योजना का मकसद एफिशिएंसी में सुधार करना और सुरक्षा प्रदान करना है और वो भी मुख्य रूप से प्रवासी महिला कर्मचारियों को, जिनमें से अधिकतर 19-24 वर्ष के आयु वर्ग की हैं।
एप्पल देगी कर्मचारियों को घर
- एप्पल के कर्मचारियों को मिलेंगे घर
- 78,000 से अधिक यूनिट्स होंगी तैयार
- महिलाओं का रखा ध्यान
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कौन देगा घरों के लिए पैसा
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार एप्पल ईकोसिस्टम की अधिकतम हाउसिंग यूनिट्स तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम (SIPCOT) बना रहा है। टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया भी घर बना रहे हैं। इस योजना के तहत केंद्र सरकार 10-15% राशि देगी जबकि पैसा बाकी राज्य सरकारों और उद्यमियों से आएगा।
कब तक सौंपे जाएंगे घर
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार कंस्ट्रक्शन और घरों को सौंपने का काम 31 मार्च, 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इस योजना का मकसद एफिशिएंसी में सुधार करना और सुरक्षा प्रदान करना है और वो भी मुख्य रूप से प्रवासी महिला कर्मचारियों को, जिनमें से अधिकतर 19-24 वर्ष के आयु वर्ग की हैं।
इनमें से एप्पल ईकोसिस्टम के अधिकतर कर्मचारी किराए पर रहते हैं और फैक्ट्री तक पहुंचने के लिए बसों में घंटों सफर करते हैं। इनमें कई कर्मचारी महिलाएं हैं, इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं।
कौन सी कंपनी कितनी यूनिट्स का करेगी इस्तेमाल
भारत में Apple की सबसे बड़ा iPhone सप्लायर फॉक्सकॉन, जो तमिलनाडु में स्थित है, इनमें से लगभग 35,000 यूनिट्स का उपयोग करेगी। फॉक्सकॉन में इस समय 41,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 75% महिलाएं हैं।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 11,500 यूनिट्स और Salcomp, जो Apple के लिए पावर एडॉप्टर, एनक्लोजर और मैग्नेटिक्स बनाती है, 3,969 हाउसिंग यूनिट्स का उपयोग करेगी।
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