AGR dues: एजीआर बकाया में खामियां दूर करने वाली याचिका की लिस्टिंग पर दलीलें पेश, मुख्य न्यायाधीश ने कही ये बात

AGR dues: उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल कहा था कि एजीआर बकाया के संबंध में दूरसंचार विभाग की तरफ से की गई मांग अंतिम होगी। इसने यह भी कहा था कि दूरसंचार कंपनियां इस मांग पर कोई विवाद नहीं उठाएंगी और न ही कोई पुनर्मूल्यांकन होगा।

एजीआर।

AGR dues: उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया में कथित त्रुटियों को सुधारने की एक दूरसंचार कंपनी की याचिका को विचार के लिए सूचीबद्ध किए जाने संबंधी दलीलों पर सोमवार को गौर किया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे की दलीलें सुनीं। साल्वे ने कहा कि इस याचिका पर विचार करने की जरूरत है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं इसे देखूंगा।’’

दूरसंचार कंपनी ने कहा कि एजीआर बकाया में कथित त्रुटियों को ठीक करने की मांग करने वाली पिछली याचिकाओं को खारिज करने के खिलाफ दायर उपचारात्मक याचिका को अभी तक पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं इसे देखूंगा।’’ इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या इस संबंध में कोई ईमेल भेजा गया है।

पिछले साल कुछ कंपनियों की दलीलों पर दिया था ध्यान

पिछले साल नौ अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने कुछ दूरसंचार कंपनियों की दलीलों पर ध्यान दिया था, जिसमें स्पेक्ट्रम आवंटन के एवज में देय एजीआर के बकाया मुद्दे पर उनकी याचिकाएं सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी। दूरसंचार कंपनियों ने कहा था कि दूरसंचार विभाग ने एजीआर की गणना में कुछ गलतियां कीं जो एक लाख करोड़ रुपये से अधिक थीं।

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