Fossil Fuels Subsidy: एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भारत के जीवाश्म ईंधन सब्सिडी सुधारों को सराहा, जानिए सरकार ने क्या उठाए कदम

Fossil Fuels Subsidy: रिपोर्ट में कहा गया, “वर्ष 2014 से 2017 तक (कच्चे तेल की कम कीमतों का दौर) पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ग्रोथ से प्राप्त अतिरिक्त टैक्स रेवेन्यू को ग्रामीण गरीबों के बीच तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) के उपयोग को बढ़ाने के लिए पहुंच में सुधार और लक्षित सब्सिडी के लिए पुनर्निर्देशित किया गया।”

जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी

मुख्य बातें
  • एशियन डेवलपमेंट बैंक की नई रिपोर्ट
  • भारत के जीवाश्म ईंधन सब्सिडी सुधारों को सराहा,
  • सरकार ने उठाए कई कदम

Fossil Fuels Subsidy: भारत ने 2010 से जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) सब्सिडी सुधार पर एक सुनियोजित 'हटाओ', 'लक्ष्यित करो' और 'स्थानांतरित करो' नजरिए के जरिए अच्छी ग्रोथ हासिल की है। एशियाई विकास बैंक (ADB) की एक नई रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया, “भारत 3 प्रमुख नीतिगत कारकों - रिटेल वैल्यू, टैक्स रेट और चुनिंदा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर सब्सिडी के संयुक्त प्रभाव को सावधानीपूर्वक संतुलित करके तेल और गैस क्षेत्र में अपनी राजकोषीय सब्सिडी को 85 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम रहा, जो 2013 में 25 अरब डॉलर के अस्थिर शिखर से 2023 में 3.5 अरब डॉलर तक आ गया।”

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पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी

अपनी ‘एशिया-प्रशांत जलवायु रिपोर्ट’ में एडीबी ने कहा कि भारत ने पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी धीरे-धीरे समाप्त कर दी (2010 से 2014 तक) और टैक्स में क्रमिक वृद्धि की (2010 से 2017 तक), जिससे रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहनों और बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकारी सपोर्ट बढ़ाने के लिए राजकोषीय गुंजाइश बनी।

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