Aspiration Index 2024: बढ़ रही है कर्ज में डूबे भारतीय की तादात, इसके खुलासे और निपटने के तरीके

Aspiration Index 2024 ने लोन-मुक्त परिवारों में तेज गिरावट की ओर इशारा किया है। केवल 13.4% उत्तरदाताओं के पास कोई लोन नहीं है; यह 2022 में 19% था। 25 लाख रुपये से कम के लोन कुल क्रेडिट का 90% से अधिक हैं, जिनमें इन छोटे लोन में वृद्धि देखी गई है।

कर्ज के जाल में फंसता भारतीय परिवार (तस्वीर-Canva)

Aspiration Index 2024: बढ़ती जीवन लागत और क्रेडिट की बढ़ती मांग ने भारत में पहले से अधिक लोगों को लोन के दलदल में धकेल दिया है। 2024 BankBazaar Aspiration Index की रिपोर्ट के अनुसार, अब कम भारतीय लोन-मुक्त हैं और कई लोग अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी लोन का सहारा ले रहे हैं, जैसे कि शिक्षा और मेडिकल इमरजेंसी। इन्फ्लेशन (मुद्रास्फीति) के माहौल में स्थिर आय के कारण रोजमर्रा खर्चों के लिए लोन लेने वाले की तादात में बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि घर खरीदने और एक आरामदायक जीवनशैली की इच्छाएं बढ़ रही हैं, चुनौती यह है कि सपनों और वित्तीय अनुशासन में संतुलन कैसे बनाए रखें। इस रिपोर्ट में यही पाया गया है।

कम लोन-मुक्त परिवार

Aspiration Index 2024 ने लोन-मुक्त परिवारों में तेज गिरावट की ओर इशारा किया है। केवल 13.4% रेस्पोंडेंट्स (उत्तरदाताओं) के पास कोई लोन नहीं है; यह 2022 में 19% था। 25 लाख रुपये से कम के लोन कुल क्रेडिट का 90% से अधिक हैं, जिनमें इन छोटे लोन में वृद्धि देखी गई है। अब कई भारतीय क्रेडिट को लग्जरी के रूप में नहीं बल्कि एक आवश्यकता के रूप में देखते हैं। यह प्रवृत्ति संकेत देती है कि लोग नियमित खर्चों के लिए भी उधार ले रहे हैं। गैर-मेट्रो निवासियों के बीच यह प्रवृत्ति अधिक है, जो शिक्षा (28%) और मेडिकल इमरजेंसी जैसी आवश्यकताओं के लिए क्रेडिट पर निर्भर हैं। इन छोटे लोन को संभालना आसान दिख सकता है, लेकिन यह दर्शाता है कि भारतीय अब अपनी मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी लोन का सहारा ले रहे हैं। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए बचत और सोच समझकर खर्च करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से गैर-आवश्यक खरीदारी के लिए।

बढ़ती लागत और स्थिर आय

54% भारतीयों ने महीने के खर्चों में 10,000 से 50,000 रुपये तक की बढ़ोतरी देखी है, जिससे घरेलू बजट पर दबाव पड़ा है, जबकि केवल 43% की आय ने उसी अनुपात में वृद्धि देखी है। फूड, शिक्षा और आवश्यक सेवाओं जैसे खर्चों का बोझ बढ़ रहा है। गैर-मेट्रो क्षेत्रों में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। बचत दरों में गिरावट आई है, खासकर गैर-मेट्रो क्षेत्रों में, जहां 35% लोगों ने अपनी बचत में गिरावट देखी है, जबकि मेट्रो में यह आंकड़ा 31% है। खर्चों और स्थिर आय के बीच असंतुलन ने अधिक लोगों को दैनिक जरूरतों के लिए क्रेडिट का सहारा लेने पर मजबूर कर दिया है। बिना किसी सुधारात्मक उपायों के, यह असंतुलन क्रेडिट पर वित्तीय निर्भरता को गहरा सकता है। एक विश्वसनीय आपातकालीन फंड बनाना और आवश्यक खर्चों को प्राथमिकता देना इस वित्तीय अस्थिरता से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

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