भारत के IT में है दम, इस शख्स ने दुनिया को पहली बार कराया था अहसास, अमीरी में अंबानी भी थे पीछे
Azim Premji Birthday: 2001 में अजीम प्रेमजी एंड फैमिली की दौलत 6.9 अरब डॉलर और धीरूभाई अंबानी एंड फैमिली की दौलत 3.4 अरब डॉलर थी। अजीम प्रेमजी ने 21 साल की उम्र में विप्रो को संभाला
24 जुलाई को है अजीम प्रेमजी जन्मदिन
- अजीम प्रेमजी को कहा जाता है आईटी सेक्टर का सम्राट
- कभी दौलत में अंबानी परिवार से थे आगे
- 4 साल तक रहे भारत के सबसे अमीर व्यक्ति
Azim Premji Birthday: यूं तो इंफोसिस (Infosys) और टीसीएस (TCS) दोनों आज के समय में विप्रो (Wipro) से बड़ी आईटी (IT) कंपनियां हैं, मगर दुनिया के सामने भारत के आईटी सेक्टर का लोहा मनवाने का क्रेडिट विप्रो को ही जाता है। विप्रो की इस कामयाबी के पीछे अजीम प्रेमजी (Azim Premji) का हाथ है। विप्रो की शुरुआत 29 दिसंबर 1945 को मोहम्मद प्रेमजी ने की थी। 1966 में मोहम्मद प्रेमजी की मृत्यु के बाद, उनके बेटे अजीम प्रेमजी ने 21 साल की उम्र में विप्रो को संभाला।
24 जुलाई 1945 को जन्मे अजीम प्रेमजी का 78वां जन्मदिन है। उन्होंने ही विप्रो को आईटी सेक्टर की तरफ शिफ्ट किया। विप्रो को उन्होंने आईटी सेक्टर में इस मुकाम तक पहुंचाया कि उन्हें भारतीय आईटी इंडस्ट्री का सम्राट कहा जाने लगा। आईटी सेक्टर में नाम कमाने के साथ-साथ अजीम प्रेमजी ने पैसा भी खूब कमाया। एक समय था कि वे दौलत के मामले में दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) से भी आगे थे।
दौलत में धीरूभाई से आगे
फोर्ब्स की दुनिया के सबसे अमीरों की 2001 की लिस्ट के अनुसार उस साल अजीम प्रेमजी एंड फैमिली की दौलत 6.9 अरब डॉलर या आज के हिसाब से 56573 करोड़ रु थी। अजीम प्रेमजी एंड फैमिली को दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में उस साल 42वां नंबर मिला था।
वहीं धीरूभाई अंबानी एंड फैमिली की दौलत उस साल 3.4 अरब डॉलर या आज के हिसाब से 27876 करोड़ रु थी और वे 124वें नंबर पर थे।
विप्रो ने कैसे दिलाई आईटी सेक्टर को पहचान
1970 के दशक के दौरान कंपनी ने आईटी और कंप्यूटिंग इंडस्ट्री पर अपना अपना फोकस बढ़ाया, जो उस समय भारत में शुरुआती फेज में था। 7 जून 1977 को कंपनी का नाम वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड से बदलकर विप्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड कर दिया गया।
1982 में, फिर से विप्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड से नाम बदलकर विप्रो लिमिटेड कर दिया गया। 1999 में, विप्रो को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया गया। 2004 में विप्रो सालाना रेवेन्यू में 1 अरब डॉलर कमाने वाली दूसरी भारतीय आईटी कंपनी बन गई थी। मार्च 2023 में, विप्रो ने ईस्ट ब्रंसविक, मिडलसेक्स काउंटी, न्यू जर्सी में टावर सेंटर में अपना अमेरिकी इंटरनेशनल हेडक्वार्टर खोला।
मुकेश और अनिल की दौलत से ज्यादा थी नेटवर्थ
धीरूभाई अंबानी के बाद रिलायंस को शुरुआत में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने मिलकर संभाला था। मगर अंबानी बंधुओं की कुल दौलत भी अजीम प्रेमजी से कम थी।
2004 में रहे थे आगे
फोर्ब्स की दुनिया के सबसे अमीरों की 2004 की लिस्ट के अनुसार उस साल अजीम प्रेमजी की दौलत 6.7 अरब डॉलर या आज के हिसाब से 54933 करोड़ रु थी। अजीम प्रेमजी को दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में उस साल 58वां नंबर मिला था।
वहीं मुकेश और अनिल अंबानी की कुल दौलत उस साल 6 अरब डॉलर या आज के हिसाब से 49194 करोड़ रु थी और वे 65वें नंबर पर थे।
टॉप दानवीरों में शामिल रहे हैं अजीम प्रेमजी
अजीम प्रेमजी की गिनती दुनिया के बड़े दानवीरों में होती है। 2019-20 में उन्होंने डेली करीब 22 करोड़ रुपये यानी पूरे साल में टोटल 7904 करोड़ रुपये का दान दिया। इसी तरह 2022-21 में उन्होंने 9713 करोड़ रुपये का दान किया। वे 2022 में दानवीरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने कुल 484 करोड़ रुपये का दान किया। बता दें कि उनकी अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, विप्रो और विप्रो एंटरप्राइजेज ने कोरोना से लड़ाई में 1125 करोड़ रुपए का दान किया था।
4 साल अजीम प्रेमजी का बजा डंका
साल 2000 में अजीम प्रेमजी फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में शामिल हुए थे। वे 4 साल तक फोर्ब्स की लिस्ट में सबसे अमीर भारतीय बने रहे।
आज अंबानी हैं काफी आगे
आज 75431 करोड़ रु की नेटवर्थ के साथ अजीम प्रेमजी दुनिया के 230वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। वहीं मुकेश अंबानी 7.45 लाख करोड़ रु की नेटवर्थ के साथ इसी लिस्ट में 15वें नंबर पर हैं।
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