Anil Ambani: फिर शुरू हुए अनिल अंबानी के बुरे दिन, खुशखबरियों के बाद लगने लगे झटके
Anil Ambani Bad Days: अनिल अंबानी के लिए सबसे अच्छी बात यह रही कि उनकी रिलायंस पावर ने बैंकों का कर्ज चुका दिया। रिलायंस पावर ने बैंकों का 1023 करोड़ का कर्ज चुकाया। ये कर्ज रिलायंस पावर और इसकी सब्सिडियरी रिलायंस क्लीनजेन पर था।
अनिल अंबानी के लिए बुरे दिन
मुख्य बातें
- अनिल अंबानी के फिर बुरे दिन शुरू
- सुप्रीम कोर्ट और IRDAI से लगे झटके
- रिलायंस पावर ने चुका दिया था कर्ज
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1000 करोड़ से अधिक का कर्ज चुकाया
बीते कुछ समय में अनिल अंबानी के लिए सबसे अच्छी बात यह रही कि उनकी रिलायंस पावर ने बैंकों का कर्ज चुका दिया। रिलायंस पावर ने बैंकों का 1023 करोड़ का कर्ज चुकाया। ये कर्ज रिलायंस पावर और इसकी सब्सिडियरी रिलायंस क्लीनजेन पर था।
इससे बीते 6 महीनों में रिलायंस पावर का शेयर 18.35 रु से 49.4 फीसदी बढ़कर 27.41 रु पर पहुंच गया। इससे कंपनी की मार्केट कैपिटल 10,446.45 करोड़ रु हो गई। मगर कुछ ही दिन पहले अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट (डीएएमईपीएल) के पक्ष में दिए गए 8,000 करोड़ रुपये के मध्यस्थता फैसले को रद्द कर दिया।
क्या था विवाद
यह विवाद 2008 में अंबानी की कंपनी डीएएमईपीएल और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच हुए 'रियायत समझौते' (Concession Agreement) से पैदा हुआ था। अब शीर्ष अदालत ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो को मध्यस्थता फैसले के अनुसार दिल्ली मेट्रो रेल द्वारा भुगतान की गई पूरी रकम वापस करने का निर्देश दिया है।
डीएमआरसी ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की यूनिट को 3,300 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जिसे अब इसे वापस करना होगा। इस खबर के बाद रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 20% लोअर सर्किट लग गया है।
IRDAI ने दिया झटका
वहीं अनिल अंबानी को बीमा नियामक IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) से भी झटका लगा। इसने कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के लिए हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) की समाधान योजना (Resolution Plan) पर कुछ आपत्तियां जताईं।
क्या है IRDAI आपत्तियां
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने रिलायंस कैपिटल के एडमिनिस्ट्रेटर नागेश्वर राव वाई को हाल में लिखे एक पत्र में कहा कि आईआईएचएल की समाधान योजना बीमा नियमों के अनुरूप नहीं है। नियामक ने उस इक्विटी कैपिटल के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है, जिसे आईआईएचएल निवेश करने के लिए तैयार है।
यानी एक तरफ काफी समय बाद अनिल अंबानी को अच्छी खबरें मिलना शुरू हुई थीं, मगर अब फिर से ऐसा लग रहा है, आने वाला समय उनके लिए चुनौती भरा हो सकता है।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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