Bangladesh Crisis: तो पाकिस्तान की तरह दिवालिया हो जाएगा बांग्लादेश? भारत में शिफ्ट हो सकते हैं कई बड़े ग्लोबल ब्रांड्स

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। जिसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। बांग्लादेश की कपड़ा इंडस्ट्री में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है, लेकिन अब ग्लोबल कपड़े ब्रांड्स भारतीय कपड़े निर्माताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो बांग्लादेश पाकिस्तान की तरह दिवालिया हो सकता है।

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तो क्या बांग्लादेश हो जाएगा दिवालिया? (तस्वीर-Canva)

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश राजनीतिक संकट से तो जूझ ही रहा है लगता है अब वह पाकिस्तान की तरह ही दिवालिया हो जाएगा! पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद से ही वहां सब कुछ अस्थिर हो गया है। इसलिए बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भी संकट मंडरा रहा है। सभी सेक्टर में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की आधारशिला कपड़ा इंडस्ट्री को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमलों ने इंडस्ट्री पर संकट के बादल बढ़ गए हैं, कई कंपनियां बंद होने के कगार पर हैं।

बांग्लादेश की कपड़ा इंडस्ट्री पर प्रभाव

गौर हो कि बांग्लादेश में कपड़ा इंडस्ट्री चीन के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। यहां कई बड़े ग्लोबल ब्रांड के कपड़े बनते हैं या यहां से मंगवाते हैं। ये कपड़े फिर देश भर के बड़े शोरूम में बेचे जाते हैं। हालांकि बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल इन ब्रांडों के कारोबार को प्रभावित कर रही है। घाटे को कम करने के लिए कई अब अपनी मांगों को पूरा करने के लिए भारतीय निर्माताओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

कपड़ा इंडस्ट्री का बांग्लादेश की जीडीपी में प्रमुख योगदान

बांग्लादेश के सकल घरेलू उत्पाद में कपड़ा इंडस्ट्री का महत्वपूर्ण योगदान है, जो 2024 तक 11 प्रतिशत होगा। इस सेक्टर का करीब 80 प्रतिशत राजस्व निर्यात से आता है। अगर कपड़ा इंडस्ट्री में और गिरावट आती है तो यहां बड़ी संख्या में नौकरियां खतरे में आ सकती हैं, जिससे देश को भारी कर्ज लेने पर मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति बांग्लादेश को पाकिस्तान के आर्थिक पतन के करीब ला सकती है। ऐसा कह सकते हैं बाग्लादेश दवालियापन की ओर बढ़ रही है।

गुजरात के सूरत को मिल सकता है लाभ

ग्लोबल ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट के मैन्युफैक्चरिंग के लिए नए स्थान की तलाश कर रहे हैं, ऐसे में भारत का सूरत शहर एक विकल्प के तौर पर उभर सकता है। दिलचस्प बात यह है कि इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया कि सूरत की कपड़ा इंडस्ट्री में ब्रांड्स की रुचि बढ़ी है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक वैश्विक ब्रांड रेडी-टू-वियर कपड़ों के उत्पादन और आपूर्ति के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। अगर ये पूछताछ ऑर्डर में बदल जाती है, तो सूरत की कपड़ा इंडस्ट्री की वृद्धि दर मौजूदा 12 प्रतिशत प्रति वर्ष से बढ़कर 20-25 प्रतिशत हो सकती है।

अन्य भारतीय शहरों के लिए भी फायदा

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती ने कहा कि नए ऑर्डर से न केवल सूरत बल्कि कपड़ा हब वाले अन्य भारतीय शहरों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है। तमिलनाडु में तिरुपुर और कोयंबटूर, पंजाब में लुधियाना और उत्तर प्रदेश में नोएडा जैसे शहर पसंदीदा विकल्प हैं।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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