RBI के एक फैसला से बैंक निफ्टी में भारी गिरावट, एसबीआई कार्ड और बजाज फाइनेंस को सबसे अधिक नुकसान
Financial Shares Fall After RBI Decision: बीएसई पर करीब 12 बजे बजाज फाइनेंस के शेयर में 1.78 फीसदी, एसबीआई कार्ड में 5.35 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 1 फीसदी और एचडीएफसी बैंक में 0.29 फीसदी की कमजोरी दिख रही है।
आरबीआई के फैसले के बाद फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट
- बैंकिंग शेयरों में कमजोरी
- फाइनेंशियल स्टॉक्स भी फिसले
- एसबीआई कार्ड को सबसे अधिक नुकसान
Financial Shares Fall After RBI Decision: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) के नियमों को सख्त बना दिया है। इसके बाद शुक्रवार को बजाज फाइनेंस, एसबीआई कार्ड, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक सहित बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) के शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है। एसबीआई कार्ड्स के शेयर में 5 फीसदी से अधिक की गिरावट है।
फाइनेंशियल शेयर में कमजोरी
बीएसई (BSE) पर करीब 12 बजे बजाज फाइनेंस के शेयर में 1.78 फीसदी, एसबीआई कार्ड में 5.35 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 1 फीसदी और एचडीएफसी बैंक में 0.29 फीसदी की कमजोरी दिख रही है। बात करें बैंक निफ्टी (Bank Nifty) की ये 476.50 अंक या 1.08 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 43685 पर है।
फिन निफ्टी में भी गिरावट
फिन निफ्टी (Nifty Financial Services) भी लाल निशान में है। ये 12 बजे के करीब 125.85 अंक या 0.64 फीसदी की कमजोरी के साथ 19,606.40 पर है। जबकि निफ्टी (Nifty) इस समय मात्र 7.20 अंक और सेंसेक्स (Sensex) 87.58 फीसदी की कमजोरी दिखा रहा है। यानी ओवरऑल मार्केट स्थिर है, मगर बैंक और फाइनेंशियल शेयरों का बुरा हाल है।
क्या है आरबीआई का नया सख्त कदम
अब बैंक आसानी से पर्सलन लोन और क्रेडिट कार्ड पर लोन ऑफर नहीं दे पाएंगे। असुरक्षित माने जाने वाले पर्सलन लोन पर आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए नियमों को सख्त कर दिया है। नए मानकों के तहत रिस्क वेटेज में 25 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है।
इससे क्रेडिट कार्ड पर रिस्क वेटेज बैंकों के लिए 150 फीसदी और फाइनेंस कंपनियों के लिए 125 फीसदी हो जाएगा। वहीं पर्सलन लोन पर रिस्क वेटेज 125 फीसदी हो गया है। इससे बैंकों के लिए पर्सनल लोन देने की लागत में इजाफा होगा और उनके पास कैश की भी कमी होगी। ऐसे में ये ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड से लेकर पर्सनल लोन देने से बचेंगे। में परहेज करेंगे। दरअसल आरबीआई भी पर्सनल लोन की ग्रोथ में कमी लाना चाहता है। इसीलिए आरबीआई ने ये कदम उठाया है।
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