Bank NPA 2024: बैंकों का सकल एनपीए 12 साल के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर
RBI Report 2024: आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2024 में घटकर 2.6% पर पहुंच गया, जो पिछले 12 वर्षों का सबसे कम स्तर है। जानिए बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता और ऋण चूक की कमी के बारे में।
सकल एनपीए बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट।
मुख्य बातें
- सकल एनपीए
- बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता
- वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट
Gross NPA: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में बताया कि सितंबर 2024 तक बैंकों का सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) अनुपात घटकर 2.6 प्रतिशत पर आ गया है, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे कम स्तर है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, यह सुधार कर्ज चुकाने में कमी और स्थिर ऋण मांग के कारण हुआ है।
ऋण चूक की कमी और बट्टे खाते में वृद्धि पर चिंता
हालांकि, आरबीआई ने निजी क्षेत्र के बैंकों में ऋण बट्टे खाते में डालने में वृद्धि पर चिंता जताई है। इसके कारण, बिना गारंटी वाले ऋण खंड में बिगड़ी हुई संपत्ति गुणवत्ता को छुपाया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, शुद्ध एनपीए अनुपात भी लगभग 0.6 प्रतिशत था।
ऋण चूक और असुरक्षित ऋण में खुदरा पोर्टफोलियो का योगदान
रिपोर्ट के अनुसार, असुरक्षित ऋण में चूक के मामले में खुदरा ऋण पोर्टफोलियो का महत्वपूर्ण योगदान था। वहीं, एससीबी (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार व्यापक था और यह सभी क्षेत्रों तथा सभी बैंक समूहों में देखा गया।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद का मूल्यांकन
आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) भारतीय वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता और वित्तीय स्थिरता के जोखिमों पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है। इसमें बैंकों के लिए सकारात्मक संकेत दिए गए हैं, जिनसे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल सकता है।
(भाषा इनपुट के साथ)
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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