CIE: प्रतिद्वंद्वी बने रहने के लिए उद्यम की सहयोगी पार्टियों के लिए साझीदार खुद को ढालें ​​बैंक

CIE: बैंकों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए ग्राहकों की बदलती जरूरतों और बाजार में आ रहे बदलावों के अनुरूप खुद को ढालना चाहिए। सीईए ने प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए बैंकों को बदलती ग्राहक प्राथमिकताओं और बाजार की गतिशीलता के अनुरूप खुद को ढालने का आह्वान किया।

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CIE: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि बैंकों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए ग्राहकों की बदलती जरूरतों और बाजार में आ रहे बदलावों के अनुरूप खुद को ढालना चाहिए। उन्होंने शनिवार को यहां सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

‘भारतीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग: वृद्धि और रुझान’

‘भारतीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग: वृद्धि और रुझान’ विषय पर अपने संबोधन में नागेश्वरन ने उद्योग में वृद्धि और नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के महत्व को रेखांकित किया। बैंक द्वारा जारी बयान के अनुसार, सीईए ने प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए बैंकों को बदलती ग्राहक प्राथमिकताओं और बाजार की गतिशीलता के अनुरूप खुद को ढालने का आह्वान किया।

इंडियन बैंक की सराहना की

उन्होंने ज्ञान साझा करने और उत्कृष्टता में निवेश करने के प्रयासों के लिए इंडियन बैंक की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के बैंक के ‘एमएसएमई प्रेरणा’ कार्यक्रम को भी सराहा। अपने संबोधन में इंडियन बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एस एल जैन ने कहा, ‘‘डॉ. नागेश्वरन द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र पर इसके प्रभाव को लेकर अपने जो विचार साझा किए गए हैं, उसका निश्चित रूप से सभी भागीदारों को लाभ होगा। इससे वे चुनौतियों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।’

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