Budget 2024: बजट से पहले AMFI ने उठाई म्यूचुअल फंड से जुड़ी कई मांगे, टैक्सेशन को लेकर मांगी राहत

Budget 2024 Expectations: एम्फी ने कहा कि भारत में डेट मार्केट के डेवलपमेंट के लिए निवेशकों की अधिक भागीदारी महत्वपूर्ण है। डेट फंडों में बेहतर टैक्स एफिशिएंसी रिटेल इंफ्लो को बढ़ावा दे सकती है।

बजट से पहले AMFI ने उठाई कई मांगे

मुख्य बातें
  • बजट से पहले एम्फी ने उठाई मांग
  • टैक्सेशन पर मांगी राहत
  • फंड ऑफ फंड पर बताई दिक्कत
Budget 2024 Expectations: 61 लाख करोड़ रुपये की म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री ने आगामी बजट के लिए कुछ मांगे रखी हैं, जिनमें टैक्स कंसेशन (टैक्स छूट) और टैक्सेशन के मामले में डेट फंड्स और डिबेंचर के साथ समान व्यवहार की मांग शामिल है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने अपनी बजट से जुड़ी मांगों में कहा है कि 3 साल से अधिक समय तक रखे गए डेट-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की यूनिट्स के रिडम्पशन पर कैपिटल गेन्स पर बिना किसी इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगाया जाना चाहिए, जैसा कि डिबेंचर के मामले में लागू है।
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डेट फंड में घट गया निवेश

एम्फी की ये मांग बजट 2023 में डेट फंड से इंडेक्सेशन बेनेफिट को हटाने के बाद उठाई गई है, जिसके नतीजे में निवेशकों के लिए टैक्स खर्च अधिक हो गया है। टैक्सेशन में बदलाव के कारण मिड से लॉन्ग टर्म की डेट योजनाओं में निवेश आना कम हो गया है।
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