भिखारियों के नाम पर बेंगलुरु के लोगों ने दिया 400 करोड़ का टैक्स, जानें क्या है माजरा

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के राष्ट्रीय सचिव एमआर राजेंद्र भिखारियों के मुद्दे को कानूनी रूप से संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं।

भिखारियों के नाम पर बेंगलुरु के लोगों ने दिया करोड़ों का टैक्स

नई दिल्ली। अप्रैल 2017 और मार्च 2022 के बीच ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) सहित कई शहरी स्थानीय निकायों के नागरिकों ने भिखारी उपकर (Beggary Cess) के रूप में 404.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इसमें से बीबीएमपी लिमिट के प्रॉपर्टी ओनर्स द्वारा 282.5 करोड़ रुपये (लगभग 70 फीसदी) का भुगतान किया गया था। सालाना आधार पर देखा जाए, तो भिखारी सेस के रूप में सबसे ज्यादा पैसा साल 2020-21 में दिया गया था। तब 89. 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इसके बाद साल 2021-22 में 88 करोड़ रुपये से ज्यादा इकट्ठा हुए थे।

भिखारियों से मुक्त नहीं है कर्नाटक का एक भी शहर

वास्तव में, कर्नाटक का कोई भी शहर भिखारियों से मुक्त नहीं है और सरकार नागरिकों से उपकर वसूलती रहती है। ज्यादातर लोगों को यह पता भी नहीं है कि वे ऐसा कोई शुल्क देते हैं। मालूम हो कि उपकर राशि एकत्र करने वाले नगर निकायों को अपने खर्च के लिए धन का सिर्फ 10 फीसदी रखने की अनुमति है। ToI की रिपोर्ट के अनुसार बाकी की राशि को सामाजिक कल्याण विभाग के तहत केंद्रीय रिलीफ समिति (CRC) को भेजा जाती है। यह बेघरों और भिखारियों को घर प्रदान करने में मदद करती है।

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