NCLT से जी ग्रुप को बड़ी राहत, सोनी के मर्जर पर होगा फिर से विचार
Zee Sony Merger: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के विलय को दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार के निर्देश संबंधी एनसीएलटी के आदेश को निरस्त कर दिया है।
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण
Zee Sony Merger: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के विलय को दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार के निर्देश संबंधी एनसीएलटी के आदेश को निरस्त कर दिया है। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पहले बीएसई और एनएसई को निर्देश दिया था कि वे इस विलय सौदे को मंजूरी देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। गत 11 मई को जारी इस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की गई थी।
एनसीएलटी को क्या कहा
अपीलीय न्यायाधिकरण की दो-सदस्यीय पीठ ने एनसीएलटी से कहा है कि वह जी एंटरटेनमेंट और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया) के बीच विलय के सौदे पर नए सिरे से विचार करे। इसके साथ ही उसने सभी पक्षों की राय जानने के लिए भी एनसीएलटी को कहा है। एनसीएलटी की मुंबई पीठ के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए जी एंटरटेनमेंट ने कहा था कि उसे अपना पक्ष रखने का समुचित अवसर नहीं दिया गया। इसके साथ ही उसने गैर-प्रतिस्पर्द्धा बिंदुओं पर एनसीएलटी का कोई न्यायिक-क्षेत्र नहीं होने की दलील भी रखी।
कितनी हिस्सेदारी
इस विलय सौदे के तहत सोनी के पास संयुक्त कंपनी में 50.86 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। जी के संस्थापकों के पास चार प्रतिशत और बाकी हिस्सेदारी जी एंटरटेनमेंट के अन्य शेयरधारकों के पास जाने वाली है। इसके अलावा सोनी ग्रुप की तरफ से एस्सेल ग्रुप के प्रवर्तकों को 1,100 करोड़ रुपये का गैर-प्रतिस्पर्द्धी शुल्क भी दिया जाएगा।
भाषा इनपुट के साथ
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited