देश की सबसे पुरानी दवा कंपनी से बाहर होंगे देसी मालिक!टूटेगा गांधी दौर के परिवार से नाता
Blackstone acquiring Cipla: भारत के इतिहास का 88 साल पुराना टुकड़ा अब यादों में शामिल होने जा रहा है। देश में टाटा जैसी बहुत कम ही कंपनिया हैं जो देश की आशाओं और संघर्षों के साथ इतने जुड़े हुए हैं।
सिप्ला
Blackstone acquiring Cipla: भारत के इतिहास का 88 साल पुराना टुकड़ा अब यादों में शामिल होने जा रहा है। देश में टाटा जैसी बहुत कम ही कंपनिया हैं जो देश की आशाओं और संघर्षों के साथ इतने जुड़े हुए हैं। उन्हें में एक नाम दवा बनाने वाली कंपनी सिप्ला( Cipla) का आता है। यह सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज के बाद राजस्व के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिग्गज प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन (Blackstone) अगले हफ्ते सिप्ला (Cipla) की हिस्सेदारी खरीदने के लिए नॉन-बाइंडिंग बिड दाखिल करने वाली है। इसके 33 फीसदी हिस्सेदारी के लिए यह बोली लगेगी। इस हिस्सेदारी की बिक्री के बाद सिप्ला से हामिद परिवार (Hamied Family) के बाहर निकलने की प्रक्रिया औपचारिक रुप से शुरू हो जाएगी।
इस खबर पर जयराम रमेश ने दुख जताया
हामिद परिवार ने इसे 1935 में शुरू किया था। देश की सबसे पुरानी फार्मा कंपनी सिप्ला की हिस्सेदारी खरीदने के ब्लैकस्टोन के फैसले को लेकर कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने दुख जताया जताई है। जयराम रमेश ने इसे लेकर एक्स पर लिखा, "यह जानकर दुख हुआ कि दुनिया का सबसे बड़ा निजी इक्विटी फंड ब्लैकस्टोन भारत की सबसे पुरानी दवा कंपनी सिप्ला में पूरी 33.47% प्रमोटर हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बातचीत कर रहा है। हालांकि कंपनी ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल का क्या था कनेक्शन
जयराम रमेश ने आगे लिखा कि सिप्ला को 1935 में ख्वाजा अब्दुल हामिद ने शुरू किया था, जिन पर महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और मौलाना आजाद का गहरा प्रभाव था। उन्होंने सीएसआईआर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।" सिप्ला जल्द ही भारतीय राष्ट्रवाद का चमकता सितारा बनकर उभरा और उनके बेटे यूसुफ हामिद ने सिप्ला को कम लागत वाली जेनेरिक दवाओं का ग्लोबल सप्लॉयर बना दिया और अमेरिकी, जर्मन और ब्रिटिश एकाधिकार और पेटेंटहोल्डर्स को सफलतापूर्वक चुनौती दी। उन्होंने दूसरी कई भारतीय कंपनियों के लिए भी भारत के बाहर विस्तार करने के लिए रास्ता तैयार किया। जयराम रमेश ने सिप्ला को देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास का एक अभिन्न अंग बताया और कहा कि ब्लैकस्टोन इसे खरीद रही है, इस खबर ने दुखी कर दिया है।
Cipla का जून तिमाही का रिजल्ट
जून 2023 तिमाही में इसका कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 45.1 फीसदी उछलकर 995.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान रेवेन्यू भी 17.7 फीसदी चढ़कर 6,328.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके अमेरिकी कारोबार को तो सालाना आधार पर 43 फीसदी अधिक 22.2 करोड़ डॉलर का रिकॉर्ड रेवेन्यू मिला था।
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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