नोटबंदी पर लोगों के सवाल आज भी बाकी, जानिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने किया दिया जवाब
Bombay High Court On Demonetisation: बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2016 में नोटबंदी के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के कथित रूप से गलत कार्यों में शामिल होने के आरोप वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
- नोटबंदी से जुड़ी याचिका खारिज
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने की खारिज
- आरबीआई की भूमिका बताई अहम
Bombay High Court On Demonetisation: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने 2016 में नोटबंदी के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों के कथित रूप से गलत कार्यों में शामिल होने के आरोप वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा कि आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अदालतों को मोनेट्री रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में हस्तक्षेप से बचना चाहिए।
न्यायाधीश ए एस गडकरी और न्यायाधीश शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने मनोरंजन रॉय की तरफ से दायर याचिका खारिज कर दी। याचिका में 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से हटाने के दौरान आरबीआई के कुछ अधिकारियों के कथित रूप से गलत गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए मामले की स्वतंत्र जांच का आग्रह किया गया था।
संबंधित खबरें
ये भी पढ़ें - काम आए हिन्दी के ये पंच, विज्ञापन आज भी दिलों में बसे, कंपनियां बनीं सुपर-डुपर हिट
आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर जांच का आग्रह
रॉय ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि आरबीआई के कुछ अधिकारियों ने उचित प्रॉसेस का पालन नहीं किया और नोटबंदी के दौरान कुछ लाभार्थियों को उनके बेहिसाब पुराने नोट को बदलने में मदद की।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिका आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर बेकार के सवाल पूछने के अलावा कुछ नहीं है। नोटबंदी को घोटाला समझ रहे याचिकाकर्ता उसी आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर जांच का आग्रह कर रहा है।
नोटबंदी था नीतिगत निर्णय
अदालत ने कहा वैध मुद्रा जारी करना आरबीआई का सांविधिक अधिकार है और उसे आधारहीन बातों के आधार पर सवालों के घेरे में खड़ा नहीं किया जा सकता। नोटबंदी को लेकर अधिसूचना 2016 में जारी की गई और यह नीतिगत निर्णय था।
आरबीआई की भूमिका अहम
पीठ ने कहा कि इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि आरबीआई हमारे देश की अर्थव्यवस्था को आकार और गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अदालतों को मोनेट्री रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में तब तक हस्तक्षेप से बचना चाहिए जब तक कि गड़बड़ी के पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं और जांच की आवश्यकता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

Gold-Silver Price Today 24 March 2025: और घटे सोना-चांदी के दाम, चेक करें अपने शहर के रेट

Period Leave: जोमैटो, स्विगी, L&T के बाद एसर इंडिया ने शुरू की नई पहल, महिलाओं को देगी पीरियड लीव

क्रेडिट कार्ड EMI बनाम पर्सनल लोन: जानिए बड़े खर्चों के लिए कौन बेहतर?

What is stop-loss: स्टॉप-लॉस ऑर्डर क्या है? जानते हैं लगाने का सही तरीका, फिर हुआ मार्केट क्रैश तो बनेगा कवच

IREDA Share Price: 1 हफ्ते में 20% उछली, क्या अब खरीदना सही रहेगा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited