विवाद में Bournvita:74 साल पहले बॉर्नविटा की भारत में एंट्री,एक गांव से है खास नाता

Bournvita History and Sugar Controversy:साल 1824 में जॉन कैडबरी ने पहला ग्रॉसरी आउलेट खोला था। और उन्हीं के नाम से कैडबरी की शुरूआत हुई। कैडबरी की लोकप्रियता में इजाफा तब हुआ जब उसने चॉकलेट को बाजार में उतारा।

bournvita controversy and history

बॉर्नविटा विवाद और उसका भारत में इतिहास

Bournvita History and Sugar Controversy:घर-घर में हेल्थ पाउडर ड्रिंक के लिए मशहूर बॉर्नविटा (Bournvita) इस समय विवादों में हैं। सोशल मीडिया में यह विवाद छिड़ गया है कि कंपनी जिस बॉर्नविटा को लोगों तक पहुंचा रही है, उसमें शक्कर की मात्रा ज्यादा है और वह लोगों को नुकसान पहुंचा रही है। हालांकि कंपनी ने इन दावों को पूरी तरह से नकार दिया है। लेकिन इस विवाद में बॉर्नविटा और उसे बनाने वाली कंपनी मॉन्डीलेज (Mondelez) चर्चा में हैं। कंपनी का इतिहास करीब 200 साल पुराना है और उसने दुनिया में पहली बार साल 1920 में बॉर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक के रुप में पेश किया था। और खास बात यह है कि बॉर्नविटा की पहचान एक गांव से जुड़ी हुई है।

एक गांव से मिला बॉर्नविटा नाम

Mondelez की वेबसाइट के अनुसार साल 1824 में जॉन कैडबरी ने पहला ग्रॉसरी आउलेट खोला था। और उन्हीं के नाम से कैडबरी की शुरूआत हुई। कैडबरी की लोकप्रियता में इजाफा तब हुआ जब उसने चॉकलेट को बाजार में उतारा। उसमें भी साल 1905 में आए Dairy Milk ने कंपनी की किस्मत बदल दी। और वह इंटरनेशनल ब्रांड बनता चला गया।

जहां तक बॉर्नविटा की बात है तो साल 1920 में ब्रिटेन में इसकी शुरुआत हुई है। और वहां से शुरू हुआ सफर साल 1948 में भारत में पहुंचा। भारत में कैडबरी ने 1948 में एंट्री की और उसके साथ ही बॉर्नविटा ब्रांड भारत पहुंचा। बॉर्नविटा की पहचान का कनेक्शन एक गांव से जुड़ा हुआ है। असल में बर्मिंघम के पास Bournville lane में फैक्ट्री खोली गई। और यह गांव ही बॉर्नविटा की पहचान गया। और बॉर्नविटा का नाम इसी गांव के नाम पर रखा गया।

अभी क्या है विवाद

सोशल मीडिया एंफ्लुएंसर और न्यू्ट्रिनिस्ट रेवंत हिमतसिंग्का पर अपने वीडियो में बॉर्निवीटा में ज्यादा शक्कर का इस्तेमाल करने की बात कही थी। हिमतसिंग्का ने दावा किया था कि बॉर्नविटा (Bournvita) में शुगर, कोको सॉलिड्स और कैंसर पैदा करने वाले कलरेंट हैं। जिसको अभिनेता परेश रावल से लेकर राजनीतिज्ञ कीर्ति आजाद ने भी शेयर किया। मामला तूल पकड़ने पर कंपनी के तरफ से सफाई आई । उसके अनुसार कंपनी ने 70 सालों में ग्रहकों का भरोसा जीता है। बॉर्नविटा (Bournvita) को पूरी तरह साइंटफिक और देश में फूड को लेकर बने कानून के हिसाब से बनाया गया है जो टेस्टी के साथ हेल्दी भी होता है। मोंडेलेज इंडिया कहा कि उसके बोर्नबीटा में प्रत्येक 20 ग्राम की मात्रा में 7.5 ग्राम चीनी होती है, जो लगभग डेढ़ चम्मच होती है। यह बच्चों के लिए चीनी की रोजाना खाने की सीमा से बहुत कम है और देश के नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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