Mid और Small Cap में कैसे बनाएं पैसा? जानिए एक्सपर्ट की राय
Mid and Small Cap Tips: ऐसे में फाईनेंशियल ईयर के पहले कारोबार दिन 3 अप्रैल को बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच अंत में बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ था। इस वोलेटाइल मार्केट के बीच ईटी नाउ स्वदेश ने योगेश पाटिल से बात की है।
नया फाईनेंशियल शुरू हो चुका है।
Mid and Small Cap Tips: नया फाईनेंशियल शुरू हो चुका है। ऐसे में फाईनेंशियल ईयर के पहले कारोबार दिन 3 अप्रैल को बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच अंत में बाजार हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ था। इस वोलेटाइल मार्केट के बीच ईटी नाउ स्वदेश ने योगेश पाटिल से बात की है जो LIC म्यूचअल फंड असेट मैनेजमेंट के CIO हैं। वह Mid और Small Cap अगले तिमाहियों में कैसा रह सकता है उसके बारे में बता रहे हैं।
सवाल- मौजूदा बाजार की चाल से कितने चिंतिंत हैं? आनें वाले तिमाही में मार्केट की चाल कैसे रहेगी।
जवाब- घरेलू बाजार में कम अवधि में उतार-चढ़ाव रहेगा ऐसे में निवेशकों को लंबी अवधि के लिए प्लान करना चाहिए। इक्विटी में 5-6 साल के लिए निवेश करना फायदेमंद होगा। निवेशकों को अवधि और एसेट एलोकेशन पर फोकस करना होगा।
सवाल- आने वाली तिमाहियों किन सेक्टर्स पर बढ़त देखने को मिल सकती है?
जवाब- बैंकिग, फाइनेंशियल, IT, एक्सपोर्ट सेक्टर्स (केमिकल, इंजिनियरिंग), ऑटो सेक्टर में अभी भले मार्केट बुलिश है पर आने वाली तिमाहियों में यह ऊपर-नीचे हो सकता है।
सवाल-कंपनियों की तिमाही नतीजों में किस तरह की संभवानाएं हो सकती हैं?
जवाब- स्लोडाउन की संभावनाएं कम हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव लगा रहता है। स्टॉक में गिरावट पहले ही हो चुकी है। IT, बैंकिंग, ऑटो और एक्सपोर्ट सेक्टर से ज्यादा खराब उम्मीद नहीं है। स्लोडाउन की संभावना कम है।
सवाल- आने वाले दिनों RBI की मीटिंग हो रही है इस पर आपकी क्या उम्मीदें हैं?
जवाब- रेपो रेट बढ़ती है तो थोड़ी बिकवाली होगी। दूसरे देशों के मुकाबले भारत अच्छा कर रहा है।
सवाल- ग्लोबल स्लोडाउन का असर भारत पर कितना
जवाब- स्लोडाउन के चलते देश-दुनिया में काफी परेशानियां हैं। कई कंपनियां घाटे में हैं। ऐसे में ज्यादा नुकसान से कम नुकसान वाली कंपनियों का रुख करना चाहिए। बाजार कमजोर होने पर भी बने रहने की जरूरत है। माइक्रो बिजनेस पर ज्यादा फोकस की जरूरत होगी।
सवाल- भारत में लोकसभा चुनाव से पहले घरेलू बाजार कैसा हो सकता है?
जवाब- इसका घरेलू बाजार पर ज्यादा असर नहीं होगा। सरकार PLI स्कीम को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है।
सवाल- अमेरिकी की महंगाई पर आपका क्या नजरिया है?
जवाब- महंगाई के चलते सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ा रही हैं। देश-विदेश में महंगाई बढ़ने की कई वजहें हैं। अमेरिका को नॉन मॉनेटरी एक्शन लेने की जरूरत होगी।
डिस्क्लेमर: यहां पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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