23 जुलाई 2024 को मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट (Union Budget 2024) पेश करेगी। जून में नई सरकार के गठन के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार पूर्ण पेश करेंगी। जिस साल आम चुनाव होते हैं, उस साल सरकार पहले फरवरी में अंतरिम बजट पेश करती है और आम चुनावों के बाद नई चुनकर आने वाली सरकार बाद में पूर्ण बजट पेश करती है। ऐसे में आम बजट को देखते हुए कई बड़ी घोषणाएं होने की संभावना है। खास तौर से रोजगार के अवसर बढ़ाने, इनकम टैक्स छूट (Income Tax Exemption) और विकसित भारत का खाका इस बजट में पेश किया जा सकता है। क्या होता है बजट- बजट सरकार का लेखा-जोखा होता है। यानी किसी देश की सरकार पूरे वित्त वर्ष में कितना कमाती है और कितना खर्च करती है, उसका लेखा-जोखा पेशा करना बजट होता है। सरकार वित्तीय वर्ष (Budget 24-25) में होने वाली आमदनी और खर्चों से जुड़ा आंकड़ा बजट के जरिए पेश करती है। कोई भी सरकार बजट पेश कर यह बताती है कि पिछले साल कितनी आय हुई कितना खर्च हुआ और आने वाले दिनों में किन मदों से आय प्राप्त होगी और वह किन मदों पर कितना खर्च किया जाएगा।बजट फ्रांसीसी शब्द बूजे (Bougettee) का संशोधित रूप है। जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला यानी चमड़े का बैग। वर्ष 1733 में इंग्लैंड में बजट शब्द का प्रयोग जादू के पिटारे के अर्थ में किया गया था। जादू का पिटारा इसलिए कहा गया क्योंकि सभी देशों में बजट में निहित बातों को गुप्त रखने की परिपाटी है। जब तक उसे संसद में पेश ना कर दिया जाय। भारत में भी यही परंपरा है। 1803 में फ्रांस में बजट शब्द का प्रयोग किया गया। बजट को संसद में पेश होने से पहले तक बजट प्रस्तावों की जानकारी सिर्फ वित्त मंत्री को होती है। एक बार ब्रिटेन में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. डाल्टन को अपना पद इसलिए छोड़ना पड़ा था क्योंकि लोगों बजट की जानकारी संसद में बजट पेश होने से पहले हो गई थी। साल 2017 से पहले बजट को फरवरी को आखिरी दिन पेश किया जाता था। लेकिन साल 2017 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करने की तारीख बदल कर एक फरवरी कर दी थी। साल 2017 में ही जेटली ने रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की परंपरा को बदला। साल 2017 में 92 साल पुरानी ब्रिटिश परंपरा को खत्म कर रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसी तरह 2019 में लाल कपड़े से बने बैग में बजट लेकर आई। और ब्रीफकेस की परंपरा बदल गई। अभी वह लाल रंग के बैग में टैबलेट लेकर आताी हैं और उससे बजट पेश करती हैं।इसी तरह अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अहम बदलाव किया था। साल 1999 तक केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था। यह भी ब्रिटिश दौर की परंपरा थी, जिसे आजादी के बाद भी 50 वर्षों तक नहीं बदला गया था। असल में भारत का बजट ब्रिटिश समय को ध्यान में रखकर पेश किया जाता था। क्योंकि जब भारत में शाम 5 बजते थे, उस वक्त ब्रिटेन में 11 बजता था। उसी आधार पर भारत में शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा थी। जिसे खत्म कर साल 1999 से सुबह 11 बजे कर दिया गया।
बजट FAQ
क्या होता है बजट?
बजट सरकार का लेखा-जोखा होता है। यानी किसी देश की सरकार पूरे वित्त वर्ष में कितना कमाती है और कितना खर्च करती है, उसका लेखा-जोखा होता है। कोई भी सरकार बजट पेश कर यह बताती है कि पिछले साल कितनी आय हुई कितना खर्च हुआ और आने वाले दिनों में किन मदों से आय प्राप्त होगी और वह किन मदों पर कितना खर्च किया जाएगा।
कहां से आया बजट?
भारत का पहला बजट कब पेश हुआ?
आजाद भारत का पहला बजट कब पेश हुआ?
सबसे लंबा बजट भाषण किसके नाम है?
बजट भाषण का समय कब बदला?
बजट का दिन कब बदला?
रेल बजट का विलय कब किया गया?
हिंदी में बजट कब पेश हुआ?
कहां छपता है बजट?
क्या होता है अंतरिम बजट?
क्या होता है राजकोषीय घाटा?
क्या होता है राजस्व घाटा?
क्या होता है चालू खाता घाटा?
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