Budget 2023: भारत बन सकता है डाटा सेंटर का मैगनेट, वित्त मंत्री से ये हैं उम्मीदें

Budget 2023 Expectation: डाटा सेंटर को अब आधारभूत संरचना का दर्जा दिए जाने के साथ, भारतीय स्वामित्व वाले डाटा सेंटर्स को समर्थन मिलना चाहिए। आगामी बजट में इंडस्ट्री को भूमि, निर्माण, यांत्रिक और प्लंबिंग लागत से संबंधित प्रोत्साहन या पूंजी सब्सिडी की उम्मीद हैं।

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डाटा सेंटर को क्या वित्त मंत्री देंगी तोहफा

Budget 2023 Expectation:कोरोना वायरस महामारी के चलते देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन बावजूद इसके भारत की आर्थिक विकास दर पिछले कुछ सालों में स्थिर रही है। पिछले साल हमारे देश ने आजादी के 75 साल और अब तक की उपलब्धियों का उत्सव मनाया। भारत ने India@100 की ओर एक यात्रा भी शुरू की है, जिसका उद्देश्‍य 2047 तक देश को और अधिक समृद्ध अर्थव्यवस्था बनाना है। अगले 25 सालों के लिए अमृत काल के इस चरण में, कई क्षेत्र देश के विकास में सक्रिय रूप से योगदान देंगे और इन्हीं में तकनीक उद्योग देश के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए तैयार है। यह डाटा सुरक्षा बिल, साइबर सुरक्षा की दृष्टिकोण से और और डाटा सेंटर उद्योग में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करेगा ।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में हमारा देश धीरे-धीरे डाटा सेंटर्स के लिए राजधानी के रूप में उभर रहा है, साथ ही एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए डाटा सेंटर्स की मांग की पूर्ति करेगा । इसके अलावा, कई बहुराष्ट्रीय हाइपरस्केलर विशाल डाटा सेंटर बनाकर और डाटा होस्ट कर उद्योग को आगे बढ़ा रहे हैं। दरअसल, JLL ने कहा है कि 2022-2024 के दौरान मौजूदा और नए खिलाडि़यों द्वारा क्षमता विस्तार के परिणामस्वरूप 804 MW की अतिरिक्त क्षमता होने की उम्मीद है।
डाटा सेंटर को अब आधारभूत संरचना का दर्जा दिए जाने के साथ, भारतीय स्वामित्व वाले डाटा सेंटर्स को समर्थन मिलना चाहिए। हम आगामी बजट में भूमि, निर्माण, यांत्रिक और प्लंबिंग लागत से संबंधित प्रोत्साहन या पूंजी सब्सिडी देखने की उम्मीद करते हैं।
इसके अतिरिक्त, बिना रुकावट बिजली सप्लाई और कनेक्टिविटी सुनिश्चित होने से डाटा सेंटर उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है ।
सरकार को स्थानीय नीति के लिए लोकल के तहत स्वदेशी डाटा सेंटर लाने पर विचार करना चाहिए। सरकारी निकायों को विशेष रूप से भारतीय स्वामित्व वाले डाटा सेंटर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को स्थानीय स्वामित्व वाले डाटा सेंटर का उपयोग करने के लिए विशेष छूट मिलनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, हम बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंश्‍योरेंस, दूरसंचार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), हेल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में अपने ऑटोमेशन प्रयासों को बढ़ाने वाले संगठनों में बढ़ोतरी देख रहे हैं।
इंट्रीग्रेटेड ऑटोमेशन विशेष रूप से लोगों, प्रक्रियाओं और टेक्‍नोलॉजी में एकीकरण प्रदान करता है और केंद्रित उद्देश्य और परिवर्तन प्रबंधन द्वारा निर्देशित होता है। यह बिजनेस को परिचालन पर ध्यान केंद्रित करने और मशीनों पर सांसारिक कार्यों को छोड़ने की अनुमति देता है। इस तरह से यह व्यवसाय के तेजी से विस्तार में सहायता करता है। कुल मिलाकर यह आर्थिक विकास में योगदान देगा और हम आशा करते हैं कि इस क्षेत्र को आगामी बजट में शामिल किया जाएगा।
सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को प्रत्यक्ष रूप से आगे बढ़ाने वाले और सभी क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन यात्रा में सहायता करने वाले निजी खिलाड़ियों को भी पूंजी सब्सिडी यानी पूंजीगत मदद, कर लाभ आदि के रूप में अतिरिक्त प्रोत्साहन की पेशकश की जानी चाहिए।
हमें 2047 तक एक नए डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यबल की आवश्यकता होगी। हमें शिक्षा क्षेत्र में निवेश की उम्मीद है और शैक्षणिक पाठ्यक्रम में कौशल बढ़ाने पहल भी देखने की उम्मीद करते हैं, जो डिजिटल आंदोलन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि सरकार इस इंडस्‍ट्री 4.0 रिवॉल्यूशन को आगे बढ़ाने के लिए सही दिशा में कदम उठाएगी और भारतीय उद्योग जगत की एक ठोस सहयोगी बनेगी। और साथ मिलकर देश एक नई सफलता की कहानी लिख सकता है।
(लेखक सत्‍यमोहन यानंबका राइटर इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सर्विसेज के सीईओ हैं और यह उनके निजी विचार हैं।)
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